Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान यानी सिम्स में मरीजों की भीड़ लोगों को चौंकाने लगी है. MRD के पास लोगों की भीड़ के चलते पैर रखने की जगह नहीं है. यहां क्या छोटे बच्चे या क्या बुजुर्ग सभी परेशान हैं. जिन्हें कुर्सी मिली है बैठ गए हैं जिन्हें नहीं मिली है वह खड़े होकर डॉक्टर से मिलने के लिए पर्ची काटने की लाइन पर हैं. यह लाइन इतनी लंबी है, कि कम से कम घंटे भर लग रहे हैं. एक पर्ची काटने और फिर वही संघर्ष डॉक्टर से मिलने और इलाज को लेकर जारी है. संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने के कारण यहां तमाम तरह के मरीज पहुंच रहे हैं. सर्दी बुखार से लेकर मलेरिया डायरिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू और संक्रामक बीमारियों के संदिग्ध मरीज भी आ रहे हैं और जिले में फिलहाल डायरिया मलेरिया और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियां भी फैलने लगी है.
सबसे बड़ी बात यह है कि बिलासपुर में एक ही परिवार के चार लोग स्वाइन फ्लू से पीड़ित मिले हैं, यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले को लेकर अलर्ट हो गया है, और लगातार लोगों की जांच और उनकी हिस्ट्री तलाशी जा रही है ताकि यह बीमारी दूसरों में ना फैले. इसी तरह मौत को लेकर भी लगातार लोग इसकी जद में आ रहे हैं, समय पर इलाज नहीं मिलना इसका कारण है कुल मिलाकर बिलासपुर जिले में स्वास्थ्य की गतिविधियां ठीक नहीं है.
MBBS की 30 सीटों की मान्यता रद्द हुई
सिम्स में सबसे बड़ी समस्या फैकल्टी की है डॉक्टरों की कमी और नर्स और बाकी स्टाफ भी उन मापदंडों के हिसाब से नहीं है जो यहां आवश्यक है यही कारण है कि नेशनल मेडिकल काउंसिल की टीम ने सिम्स की 30 सीटों की मान्यता रद्द कर दी है। पहले यहां 180 सीटों को मान्यता दी गई थी, लेकिन जब टीम यहां जायजा लेने पहुंची. तब उन्हें फैकल्टी और साधन संसाधनों की कमी दिखी इसके बाद ही एमबीबीएस की 30 सीट रद्द करें से डेढ़ सौ सीटों में रोक दिया है.