Chhattisgarh News: न्यायपालिका को सिविल व आपराधिक दोनों क्षेत्रों में व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षक बताया. जिला न्यायपालिका को आवश्यक संसाधन व तकनीकी ज्ञान से सुसज्जित करने पर जोर देते हुए आगाह किया कि न्यायिक निर्णय लेने की प्रकिया में पूरी तरह से प्रौद्योगिक या आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस पर निर्भर नहीं होना है. यह साक्ष्य व तर्कों के आधार पर निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है.
न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में दिया उद्बोधन
न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में जिला न्यायपालिका के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिला न्यायपालिका का दृष्टिकोण व कानूनी प्रावधानों का निर्ववन बहुत महत्वपूर्ण है और यह उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय द्वारा किए जाने वाले निर्ववन के लिए आधार प्रदान करता है. न्यायाधिपति ने व्यक्त किया नए प्रावधानों के लागू होने से कानूनों के प्रति जिला न्यायपालिका का दृष्टिकोण व निर्वचन अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है. इसलिए जिला न्यायपालिका को कानूनों को लागू करने में व निर्वचन करने में अत्यंत सतर्क रहना होगा.
छत्तीसगढ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथिगण का छत्तीसगढ उच्च न्यायालय में आयोजित राज्य स्तरीय कान्फेंस में भाग लेने के लिए आभार व्यक्त किया. न्यायमूर्ति ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि सभी के सामूहिक प्रयासों से हम एक सशक्त व प्रभावी जिला न्यायपालिका को सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे और आज की यह कान्फेंस जिला न्यायपालिका को सशक्त करने के हमारे प्रतिबद्धता को दर्शाता है. मुख्य न्यायाधिपति द्बारा विश्वास व्यक्त किया गया कि आज की यह कान्फेंस अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेगी और हम लोग जिला न्यायपालिका के समक्ष चुनौतियों को और बेहतर ढंग से निपटने में सक्षम होंगे तथा और अधिक सशक्त व प्रभावी जिला न्यायपालिका बनाने की दिशा में अग्रसर होंगे. मुख्य न्यायाधिपतति ने यह भी व्यक्त किया कि इस कान्फेंस के तकनीकी सत्र निश्चित तौर पर न्यायिक अधिकारियों की सिविल व आपराधिक विधि के संबंध में समझ को और विस्तृत व वर्धित करने वाला होगा.