Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में मतदान खत्म होने के बाद से ही कैबिनेट विस्तार को लेकर भाजपा नेता अपना-अपना दाव ठोक रहे हैं. 4 जून के बाद केंद्र में नई सरकार बन जाएगी और आचार संहिता भी खत्म हो जाएगी. ऐसे में कैबिनेट में नई मंत्रियों की जगह को लेकर सस्पेंस बरकरार है. वहीं कुछ नेताओ के नाम भी अब सामने आ रहे है.
कैबिनेट मंत्री को लेकर हो रही चर्चा
छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल में बड़े बदलाव की सुग-बुगाहट तेज हो गई है. पहले से ही राज्य में एक मंत्री पद खाली है, अगर बृजमोहन अग्रवाल सांसद बने तो एक और पद खाली हो जाएगा. इस तरह से देखा जाए तो मंत्रियों के दो पद खाली हो जाएगा. इसके अलावा लोकसभा चुनाव में परफॉर्मेंस के आधार पर भी कई मंत्रियों के बदलाव की चर्चा चल रही है. भाजपा सूत्रों की माने तो लोकसभा चुनाव के परिणाम तय करेगा कि छत्तीसगढ़ में अगला कैबिनेट के मंत्री कौन होगा. लोकसभा चुनाव से पहले मंत्रियों को कई लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. अब केंद्रीय टीम मंत्रियों की रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रही है. जातिगत समीकरण के आधार पर भी मंत्री पद मिल सकता है. विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री को छोड़ कर बीजेपी ने कैबिनेट में जिन 9 विधायकों को जगह देने का फैसला किया था. उसमें सबसे ज्यादा संख्या ओबीसी समुदाय की है. ऐसे में माना जा रहा है की ओबीसी वर्ग को छोड़ कर आदिवासी और सामान्य वर्ग से मंत्री बनाया जा सकता है.
मंत्री पद के लिए नया समीकरण
प्रदेश में मंत्री पद की रेस में तीन खेमा सक्रिय है. तीनों खेमे से अलग-अलग नाम निकलकर सामने आ रहे हैं जिसमें जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण को देखते हुए नए मंत्री का पद दिया जा सकता है इसके अलावा लोकसभा परफॉर्मेंस भी एक अहम भूमिका पर रहने वाला है चलिए आपको बताते हैं कि कहां से किसको मंत्री बनाया जाएगा.
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सरगुजा से नहीं दिया जाएगा मंत्री पद
वर्तमान सरकार में सरगुजा से चार मंत्री चुनकर आते हैं, सरगुजा से खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आते है. वरिष्ठ आदिवासी नेता रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भी सरगुजा से ही आती है. ऐसे में सरगुजा से नए मंत्री पद बनाया जाना मुश्किल है. भाजपा सूत्रों को मन तो अगर वर्तमान में सरगुजा मंत्रियों का परफॉर्मेंस कमजोर पाया जाता है तो ही नए को मौका मिलेगा.
बस्तर से नए मंत्री पद पर संकट
वरिष्ठ नेता केदार कश्यप को मंत्री बनाया गया है, इसके अलावा यहां से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव भी आते हैं. इसलिए बस्तर संभाग से नए मंत्री की उम्मीद कम नजर आ रही है.
बिलासपुर संभाग भी दावेदारी मे कमजोर
बिलासपुर संभाग से वर्तमान 3 मंत्री बनाया गया है. वित्ता मंत्री ओपी चौधरी, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, मंत्री लखन लाल देवांगन का नाम शामिल है. तो बिलासपुर संभाग भी जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण के हिसाब से पैक हो चुका है. इसलिए यहां से भी मंत्री की उम्मीद कम है. हालांकि अमर अग्रवाल का नाम यहां से चर्चा में है.
रायपुर से दिया जा सकता है मंत्री
रायपुर संभाग से दो मंत्री चुनकर आते हैं जिसमें खेल और युवा कल्याण मंत्री टंक राम वर्मा और शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का नाम शामिल है. बृजमोहन अगर सांसद बनते हैं तो उनका पद खाली हो जाएगा. ऐसे में समान वर्ग के रिप्लेसमेंट में नए सामान्य वर्ग के विधायक को जिम्मेदारी दी जा सकती है. रायपुर से पुरंदर मिश्रा और गुरु खुशवंत साहेब का नाम इस लिस्ट में सटीक बैठता है. इसके अलावा रमन सिंह खीम से राजेश मूणत का नाम आगे चल रहा है..
दुर्ग संभाग से भी हो सकते है मंत्री
दुर्ग से वर्तमान में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा आते हैं. इसके अलावा दयाल दास बघेल भी मंत्री हैं. तो उम्मीद की जा रही है. दुर्ग से एक एससी वर्ग या सामान्य वर्ग के विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है. दुर्ग से भावना बोहरा के नाम की भी चर्चा थी. लेकिन कवर्धा से उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा है पैसे में उनके दावेदारी कमजोर मानी जा रही है.
जिसमें अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा और दुर्ग शहर गजेंद्र यादव का नाम चर्चा में है गजेंद्र यादव पूर्व संघ प्रमुख बिसराराम यादव के बेटे है इसलिए संघ की पसंद के रूप में उन्हें देखा जा रहा है.
मंत्री पद की रेस में चार नए नाम आए सामने
इसके अलावा मंत्री पद की रेस में चार नए नाम सामने आ रहे है. आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब और रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा का नाम सामने आया है. दुर्गा अहिवारा विधायक डोमन लाल कोर्सेवाड़ा और दुर्ग शहर विधायक गजेंद्र यादव का भी नाम चर्चा में है.
भाजपा में एक अनार सौ बीमार – सुशील आनंद शुक्ला
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार 4,3,3,2,1 के फार्मूले चल रही थी. भूपेश बघेल सरकार में सबसे ज्यादा एसटी वर्ग के मंत्रियों को शामिल किया था. 3 ओबीसी, 3 जनरल , 2 एससी और 1 अल्प संख्यक वर्ग के नेताओं मंत्रिमंडल में शामिल किया था. कैबिनेट बदलाव को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर कटाक्ष किया है. कांग्रेस मीडिया हेड सुशील आनंद शुक्ला का कहना है, कि भाजपा में एक अनार सौ बीमार की स्थिति है. भाजपा नेता रायपुर से लेकर नागपुर और दिल्ली का चक्कर लगा रहे है.