Chhattisgarh News: बिलासपुर में सरकारी और निजी अस्पतालों से मेडिकल वेस्ट का उठाव करने वाली एनवायरमेंट इंटरनेशनल कंपनी ने कलेक्टर को एक पत्र लिखा है, जिससे हड़कंप मच गया है. एनवायरनमेंट इंटरनेशनल कंपनी ने लिखा है कि अवैध खुदाई के कारण वे सभी सरकारी और निजी अस्पतालों से कचरे का उठाव बंद करने वाले हैं.
एनवायरनमेंट इंटरनेशनल कंपनी ने प्रशासन को लिखा पत्र
दरअसल रेत माफियाओं ने इस कंपनी के प्लांट के सामने उसे रास्ते पर 10 से 20 फीट का गड्ढा कर दिया है. जिसके कारण इनकी गाड़ियां फस रही है और इसी कारण बिलासपुर से लगभग 100 से अधिक निजी और सरकारी अस्पतालों से कचरा को उठाना और प्लांट तक लाना इन वायरल केयर कंपनी के लिए परेशानी का सबक बन गया है. गड्ढों के कारण न सिर्फ इनकी गाड़ियां फंस रही है, बल्कि इन्हें सबसे ज्यादा परेशानी खुद की गाड़ियों को भी लाने और लेकर जाने में हो रही है. बिलासपुर के सरकारी और निजी अस्पतालों का मेडिकल वेस्ट बिलासपुर रतनपुर रोड पर बने सिंदरी के ट्रेंचिंग ग्राउंड में लाया जा रहा है, और यहां ही इसे डिस्पोज किया जा रहा है, यदि आने वाले समय में प्रशासन एनवायरमेंट इंटरनेशनल कंपनी की उस चिट्ठी पर ध्यान नहीं देता है, तो निश्चित है कि कचरे का उठाव बिलासपुर में बंद हो जाएगा और पूरे बिलासपुर में मेडिकल वेस्ट से संक्रमण फैलने का खतरा रहेगा. फिर भी फिलहाल तक प्रशासन के अवसरों ने इस पर ध्यान नहीं दिया है.
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सरकारी और निजी अस्पतालों से मेडिकल वेस्ट का करते है उठाव
इनवायरो इंटरनेशनल कंपनी का काम सभी निजी और सरकारी अस्पतालों से मेडिकल वेस्ट का उठाव करना है, जिसे सेंदरी के ट्रेंचिंग ग्राउंड में डंप कर इसका डिस्पोज किया जाता है ताकि इसके संक्रमण का प्रभाव लोगों पर नहीं पड़े और यह सबसे संवेदनशील काम भी है. जिसे लेकर छत्तीसगढ़ सरकार गंभीर है लेकिन रेत और खनिज निकालने वालों के कारण उनके काम पर भी इसका खासा असर पड़ रहा है यही वजह है कि इन्होंने कलेक्टर को पत्राचार किया है और समय पर अवैध खुदाई के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की गई है.
6 महीने से नहीं किया गया पैसे का भुगतान
कंपनी के अधिकारी बताते हैं कि सरकारी अस्पतालों में उन पैसों का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है जिसका काम वे करते आ रहे हैं. मेडिकल वेस्ट उठाने का काम में 6 महीने से कर रहे हैं लेकिन समय पर भुगतान नहीं होने के कारण उन्हें तकलीफ हो रही है. सबसे ज्यादा परेशानी जिला अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के मेडिकल वेस्ट को उठाने के बाद उन्हें भुगतान पड़ रही है जिनका पेमेंट समय पर नहीं हो पा रहा है. इसे लेकर भी लगातार पत्राचार किया जा रहा है.