Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की राजनीति में चुलमाटी, मंडप और मेहंदी की एंट्री, पूर्व CM बोले- फंड की कमी से नहीं हो पा रही गरीबों की शादी

भूपेश बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री निर्धन कन्या विवाह योजना गरीब वर्ग के परिवारों की बेटियों के विवाह के लिये चलाई जाने वाली संवेदनशील योजना है.
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पूर्व CM भूपेश बघेल

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की राजनीति में अब चुलमाटी, मंडप और मेहंदी की एंट्री हो गई है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया है. बघेल ने आरोप लगाया है कि फंड की कमी के कारण गरीबों की शादी नहीं हो पा रही है. भाजपा सरकार की लापरवाही और असंवेदनशीलता के कारण सामूहिक कन्या विवाह में लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है. शादी के कार्ड बंट गये, चुलमाटी से लेकर मंडप और मेंहदी तक की रस्में हो गई लेकिन सरकार द्वारा फंड जारी नहीं करने के कारण विवाह कैंसिल करना पड़ा रहा है.

फंड के अभाव में शादियां हो रही रद्द

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि भिलाई के चरौदा में 14 और 22 फरवरी को 90 से अधिक जोड़ों का विवाह फंड के अभाव में घोषित तिथि के दिन रद्द कर दिया गया. कमोबेश पूरे प्रदेश में यही हालात है. इसके कारण गरीबों की कन्याओं और उनके परिजनों को अपमानित होना पड़ रहा है. आवेदन स्वीकृत करने के बाद विवाह कैंसिल हो रहा है. राजधानी में हरदिहा साहू समाज के द्वारा सामूहिक विवाह का आयोजन होना है. जिसमें 100 जोड़ों का पंजीयन हुआ है. लेकिन सरकार द्वारा आर्थिक सहायता स्वीकृत नहीं किया जा रहा. यही हालत सभी समाजों के साथ है.

CM निर्धन कन्या विवाह में मिलता है 50 हजार

भूपेश बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री निर्धन कन्या विवाह योजना गरीब वर्ग के परिवारों की बेटियों के विवाह के लिये चलाई जाने वाली संवेदनशील योजना है. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इस योजना की राशि 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार किया था, यह दुर्भाग्यजनक है कि साय सरकार की प्राथमिकता में यह योजना नहीं है और धनाभाव में गरीब बेटियों की शादियां रद्द हो रही है.

बता दें कि भूपेश बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक निर्धन कन्या योजना सिर्फ एक योजना नहीं, सरकार का सामाजिक दायित्व है. इस योजना के उद्देश्य से गरीब वर्ग के कन्याओं को उनके भविष्य के जीवन के लिये सम्मान जनक राह बनाना है ताकि उनके विवाह और भविष्य में आर्थिक परेशानी बीच में नहीं आए. इसलिए इस योजना के लिये 50 हजार की राशि का प्रावधान कांग्रेस सरकार ने किया था. जिसमें युवती के खाते में 21 हजार रुपए डाले जाते थे और 15 हजार रुपए का बर्तन और दैनिक उपयोग की चीजें एवं 6 हजार रुपए विवाह में खर्च के लिये दिया जाता था. सरकार वैवाहिक जोड़ो के भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है तथा इस संवेदनशील विषय पर भी सरकार लापरवाह बरत रही है.

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