Chhattisgarh News: दुर्ग जिले में शिक्षा का अधिकार आरटीई के तहत एडमिशन को लेकर फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. दो पालकों ने अपने ही बच्चों को एडमिशन दिलाने को लेकर शिक्षा विभाग को गलत जानकारी दी, जिला शिक्षा अधिकारी ने दो पालकों पर एफआईआर करने को लेकर एसपी जितेंद्र शुक्ला को पत्र भेजा है.
प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पुलिस अधीक्षक को भेजा दस्तावेज
दुर्ग जिले के 528 निजी स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश देने आनलाइन आवेदन मंगाया गया था. नोडल अधिकारियों ने आवेदनों की जांच कर सत्यापित कर दिया और शासन स्तर पर लाटरी निकालकर सीटें भी आंवटित कर दी गई. कुछ बच्चों को एक से अधिक स्कूल आवंटित किए जाने का मामला सामने आने पर जिला शिक्षा विभाग ने संज्ञान में लेते हुए जांच कराई. जांच उपरांत जिला शिक्षा अधिकारी ने संबंधित पालक भुनेश्वर कुमार निनान्वे व बनारसी साहनी के विरुद्ध प्रथम प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पुलिस अधीक्षक को दस्तावेज प्रेषित किया है. वहीं आरटीई के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए शासन की ओर से दिशा निर्देश जारी किया गया है.
कई स्कूलों ने पाया आवेदन कर धोखाधड़ी करने का मामला
नियम के मुताबिक निजी स्कूल के एक किमी के दायरे में रहने वाले बीपीएल पालक अपने बच्चों को आरटीई में दाखिला कराने के आवेदन कर सकते हैं, लेकिन 140 आवेदकों की ओर से प्रवेश के लिए किए गए आवेदन में निजी स्कूलों से अपने घर की दूरी गलत बताए जाने की संदेह हैं. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा ने बताया कि शिक्षा का अधिकार 2024-25 के लिए एडमिशन में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी. जिसके जांच के बाद पालक भुवनेश्वर कुमार निनांबे और बनारसी साहनी की ओर से आधार कार्ड जिसमें अलग अलग पता लिखकर अपने बच्चों के प्रवेश के लिए एक अधिक अलग अलग स्कूलों ने आवेदन कर धोखाधड़ी करने का मामला पाया गया. जिसके बाद हमने पुलिस अधीक्षक को एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा हैं.