Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में सत्ता बदलते ही सरकारी बंगले चर्चा में हैं. कांग्रेस जब तक सत्ता में रही, उन्हें सरकारी बंगलों का सुख भी मिलता रहा. लेकिन अब भाजपा के सत्ता में आते ही कांग्रेसी नेताओं को बंगले खाली करने पड़ रहे हैं. लेकिन बस्तर विधानसभा से विधायक लखेश्वर बघेल को केवल 1 दिन में ही बंगला खाली करने का नोटिस थमा दिया गया है. कांग्रेस सरकार में लखेश्वर बघेल बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर रहे. लखेश्वर बघेल ने बंगला खाली करने का नोटिस मिलने पर नाराजगी जाहिर की है.
बंगला खाली करने के नोटिस पर भड़के कांग्रेस के विधायक
दरअसल, जगदलपुर के स्टेट बैंक रोड स्थित सिविल सर्जन बंगले को खाली करने के लिए ये नोटिस जारी किया गया है. इस बंगले में 2018 से पहले भाजपा सरकार में केदार कश्यप रहा करते थे. 2018 में जब सत्ता बदली तो केदार ने बंगला खाली किया और लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर विधायक बने लखेश्वर बघेल को यह बंगला दे दिया गया.
अब लखेश्वर बघेल का कहना है कि मंत्री केदार कश्यप को कांग्रेस सरकार में बंगला खाली करने के लिए 1 साल का वक्त दिया गया था, वहीं मुझे सिर्फ 1 दिन का नोटिस थमाकर बंगला खाली करने कहा गया है. कोई अधिकारी या कर्मचारी भी रिटायर होता है तो भी उसे सरकार 6 महीने का समय बंगला खाली करने के लिए देती है.
‘भाजपा नेता ने जब बंगला छोड़ा तो मिली थी एक ट्रक शराब की बोतलें’
लखेश्वर बघेल ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान जब केदार कश्यप चुनाव हार गए थे, तब कांग्रेस की सरकार ने उन्हें काफी ज्यादा समय बंगला खाली करने के लिए दिया था. केदार कश्यप ने अपनी मर्जी से लगभग 1 साल बाद बंगला खाली किया था. लखेश्वर बघेल ने कहा कि जब वे इस बंगले में आए थे तब बंगले में साफ-सफाई करने के दौरान एक ट्रक शराब की बोतल मिली थी. बंगले को भाजपा के शासनकाल में अय्याशी का अड्डा बना दिया गया था. एक बार फिर बंगले का उपयोग शराबखोरी करने के लिए किया जाएगा.