Lok Sabha Election 2024: छत्तीसगढ़ के इन जिलों से होकर गुजरेगी राहुल की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’, जानिए क्या है सियासी समीकरण

Lok Sabha Election 2024: ये देखने लायक होगा कि राहुल किस तरह से छत्तीसगढ़ के लोगों के बीच अपनी छाप छोड़ते हुए दूसरे प्रदेश में दाखिल होते हैं.
rahul gandhi

कांग्रेस नेता राहुल गांधी व पूर्व सीएम भूपेश बघेल

Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ (Bharat Jodo Nyay Yatra) शुरू हो चुकी है. लोकसभा चुनाव से पहले यह यात्रा कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है. ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ मणिपुर से शुरू होकर मुंबई तक जाएगी. इसका रोडमैप भी तैयार किया जा चूका है. ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ छत्तीसगढ़ से भी होकर गुज़रेगी. ये यात्रा प्रदेश के 7 ज़िलों और 4 लोकसभा क्षेत्रों को कवर करेगी. छत्तीसगढ़ में 536 किलोमीटर की यात्रा 5 दिनों में तय होगी. इस यात्रा के माध्यम से राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति मजबूत करने के लिए ताकत झोकेंगे. हाल ही में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली थी, जिसके बाद इस यात्रा से कांग्रेस छत्तीसगढ़ में ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीटों को साधने की कोशिश करेगी.

छत्तीसगढ़ के इन ज़िलों से गुजरेगी यात्रा

रायगढ़: राहुल की यात्रा ओड़िशा से छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में प्रवेश करेगी. ये यात्रा 16-18 फ़रवरी तक रायगढ़ पहुंचेगी. यह जिला पिछले दो दशकों से भाजपा का गढ़ रहा है. रायगढ़ लोकसभा सीट से प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय चार बार सांसद रहे हैं. रायगढ़ आदिवासी बाहुल्य इलाका भी है. ऐसे में यहां से यात्रा का गुज़रना मतलब सीधे भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश होगी.

जांजगीर चांपा: रायगढ़ के बाद यात्रा जांजगीर चांपा जिले में पहुंचेगी. यहां अनुसूचित जाति की आबादी ज्यादा है. चांपा सीट लोकसभा के लिए आरक्षित है. इस सीट पर भाजपा ने पिछले 3 बार से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है. साल 1998 और 1999 में इसी सीट से कांग्रेस के वर्तमान नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत सांसद बने थे. कांग्रेस चाहेगी कि ज़िलें में यात्रा के जरिए पक़ड़ बनाई जाए और फिर से इस सीट पर कब्जा जमाया जाए.

सक्ति: सक्ति जिला जांजगीर से अलग होकर 2022 में नया जिला बना. सक्ति जिले में डोलोमाइट का प्रचुर भंडार है और इसलिए इसे देश का डोलोमाइट हब कहा जाता है. सक्ति जिले में तीन विधानसभा सीटें सक्ति, जैजैपुर और चंद्रपुर आती हैं और तीनों सीटों पर कांग्रेस का कब्ज़ा है. ख़ास बात ये है कि सक्ति सीट से छग के दिग्गज कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत विधायक हैं. ऐसे में यहां महंत राहुल की यात्रा में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे.

कोरबा: कोरबा जिला छत्तीसगढ़ के बड़े जिलों में से एक है. भारत जोड़ो न्याय यात्रा यहां से भी होकर गुज़रेगी. यहां से चरण दास महंत की पत्नी ज्योत्स्ना महंत सांसद हैं. 2019 में कोरबा और बस्तर ही ऐसी दो लोकसभा सीटें थीं, जहां कांग्रेस को जीत मिली थी.

सरगुज़ा: राहुल की यात्रा कोरबा होते हुए सरगुज़ा जिले में पहुंचेगी, जहां इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था. यहां इस यात्रा का महत्व काफ़ी ज्यादा होगा क्योंकि सरगुजा छत्तीसगढ़ की राजनीति में अहम स्थान रखता है. सरगुज़ा से खुद टीएस सिंह देव आते हैं जो छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी रहे है. विधानसभा चुनाव में टीएस सिंह देव को भी हार का सामना करना पड़ा था. सरगुज़ा आदिवासी बाहुल्य इलाका है.

सूरजपुर: यहां हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. सूरजपुर जिले की भटगांव सीट से पहली बार जीतीं प्रत्याशी लक्ष्मी राजवाड़े को भाजपा ने मंत्री बनाया है. अब यहां से भारत जोड़ो न्याय यात्रा गुजरने वाली है. देखने वाली बात ये होगी कि राहुल की इस यात्रा का लोकसभा चुनाव में प्रभाव पड़ पाता है या नहीं.

ये भी पढ़ें: Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भटक गई कांग्रेस! राहुल की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ लगाएगी नैया पार? 

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ में भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आखिरी पड़ाव बलरामपुर जिला होगा. बलरामपुर होते हुए यह यात्रा उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी. इस जिले का एक बड़ा हिस्सा जंगल में आता है. ये जिला भी आदिवासी बाहुल्य है. ये देखने लायक होगा कि राहुल किस तरह से छत्तीसगढ़ के लोगों के बीच अपनी छाप छोड़ते हुए दूसरे प्रदेश में दाखिल होते हैं.

क्या यात्रा से राहुल गांधी को हो सकता है फायदा?

राहुल की यात्रा को लेकर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार बाबूलाल शर्मा का कहना है कि निश्चित रूप से यह यात्रा कांग्रेस को फायदा पहुंचाएगी. इससे पहले हमने देखा है कि लालकृष्ण आडवाणी ने रथ यात्रा निकाली थी जिससे आज 2 लोकसभा सीट वाली भाजपा 300 पार पहुंच चुकी है. चंद्रशेखर ने पदयात्रा निकाली थी और वे देश के प्रधानमंत्री बने. अजित जोगी ने पदयात्रा निकाली थी जो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने. भूपेश बघेल ने भी एक पदयात्रा की थी जिसके बाद वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने. इस तरह से यात्रा का लाभ सभी को मिलता है. इससे पहले राहुल गांधी ने जो भारत जोड़ो यात्रा की, उससे राहुल गांधी के एक कमजोर राजनेता होने का जो नैरेटिव भाजपा ने सेट किया था, कांग्रेस को उसे छांटने में मदद मिली.

ज़रूर पढ़ें