Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से बड़ी जानकारी सामने आ रही है. दरअसल, शहर की सड़कों पर दौड़ रही 40 से अधिक सिटी बसों का कबाड़ के रेट में बिकना तय है. ऐसा इसलिए क्योंकि इनका मेंटेनेंस फेल है और यह सारी बसें बिलासपुर की बस टर्मिनल दफ्तर के कैंपस में खड़ी हुई हैं. इधर सरकार ने पूरे छत्तीसगढ़ में नई आई बस सेवा शुरू करने की घोषणा कर दी है. इसके बाद ही माना जा रहा है कि, आने वाले दिनों में जो बसें सड़क पर दौड़ रही हैं, उन्हें कबाड़ में तब्दील कर शहर के कबाड़ियों या बाहर के कारोबारी को बेचा जाएगा.
जनवरी के बाद से दौड़नी थी 50 बसें
शहर की सड़कों पर जनवरी के बाद से 50 सिटी बसों को दौड़नी थी, लेकिन चल सिर्फ 35 रही हैं. उनमें भी समस्या यह है कि कभी किसी दिन कोई बस खराब तो कभी कुछ और. कुल मिलाकर हर दिन अलग अलग रुट के तीन सौ यात्री परेशान हो रहे हैं. फिर भी जिला अर्बन सोसायटी के जिम्मेदार अधिकारी अनुबंधों का पालन कराने ध्यान नहीं दे रहे हैं. बसों का संचालन करने वाली ठेका कंपनी को नोटिस भेजकर इसकी औपचारिकताएं पूरी की गई है. कुछ समय पर निगम ने फर्म को नोटिस भेजकर पांच नई बसों को चलाने का कहा है, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया है. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि सभी बसों का परमिट तैयार होने के लिए इसकी प्रक्रिया आरटीओ को भेज दी गई हैं और वहां से ही लेटलतलीफी हो रही है.
डेढ़ लाख की रॉयल्टी बाकी
जानकारी के मुताबिक नगर निगम ने ठेकेदार को इतनी छूट दे दी है कि वह तय समय पर रॉयल्टी जमा करने से आनाकानी कर रहा है. मार्च और अप्रैल महीने के रॉयल्टी का डेढ़ लाख रुपए बकाया है, जिसके लिए नोटिस भेजा गया है। कंपनी ने जिला अर्बन पब्लिक सोसाइटी को यह पैसा दिया है या नहीं यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है। इसका नोटिस भी फर्म को भेज दिया गया है, फिर भी ठेकेदार मामले में हीलाहवाला कर रहा है.
लोगों को ऐसे हो रही परेशानी
शहर में कोरोना काल के बाद सिटी बस शुरू हुए आठ महीने से अधिक होने को आ रहा है, लेकिन अब भी कई रूट पर सिटी बसें नहीं चल रही हैं. बाकी रूटों पर अब तक शुरू नहीं की गई है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सिटी बस का लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. 5 दिसंबर को सिटी बस शुरू की गई हैं. सिटी बस शुरू होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली, वह इसलिए क्योंकि कोरोना काल के दौरान छोटे स्टेशनों पर ट्रेनों को बंद किया गया, ठहराव अब तक बहाल नहीं हो सका है.