Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर नशाबंदी की चर्चा शुरु हो गई है. इस बार भाजपा नेता ननकी राम कंवर ने अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सार्वजनिक रूप से नशाबंदी पर सवाल कर लिया. हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि यदि सरकार नहीं मानी तो मैं अकेला तो कुछ नहीं कर सकता हूं. लेकिन हमें पहल करनी चाहिए. वहीं अब ननकी राम कंवर की इस मांग से छत्तीसगढ़ की राजनीति में कांग्रस सरकार के वादे को एक फिर याद किया जाने लगा है.
‘मैं प्राइमरी स्कूल में दारू पीता था’
दरअसल, राजधानी रायपुर के बलबीर सिंह जुनेजा स्टेडियम में आयोजित कंवर सम्मेलन में पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में नशाबंदी की मांग की है. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के हित के लिए नशाबंदी करना चाहिए. यदि सरकार नहीं मानी तो मैं अकेला तो कुछ नहीं कर सकता हूं. मैं प्राइमरी स्कूल में जब था, तब दारू पीता था. लेकिन जब मैं पांचवीं कक्षा में आया तब दारू पीना छोड़ा दिया.
काग्रेस पार्टी ने किया था शराबबंदी का वादा
इसको आगे ननकी राम कंवर ने कहा कि अगर हम ये बंद कर देते हैं तो हमें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता. यदि पूर्व मुख्यमंत्री ने नशाबंदी का ऐलान किया, तो क्या हम नहीं कर सकते हैं. पूर्व गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से निवेदन करते हुए कहा कि समाज के हित के लिए नशाबंदी कर दीजिए.
प्रदेश में शराबबंदी के मुद्दे पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार को भाजपा ने जमकर घेरा था. कांग्रेस पार्टी ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में शराबबंदी करने का वादा किया था. लेकिन कांग्रेस सरकार में आई तो वादा निभा नहीं पाई. अब भाजपा के पूर्व मंत्री के बयान से नशाबंदी की मांग फिर उठने लगी है.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नहीं दिया कोई जवाब
बता दें कि कंवर सम्मेलन में मौजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कंवर समाज को संबोधित करते हुए कहा, “आज ये जो सम्मान मिला है भाजपा की तरफ से और देश के प्रधानमंत्री की तरफ से कि एक छोटे से कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री का दायित्व सौंपा गया है, मैं समाज की तरफ से सभी को धन्यवाद देता हूं. आप सभी से मैं आशीर्वाद और सहयोग मांगने आया हूं कि हमारे प्रधानमंत्री, पार्टी और प्रदेश की जनता ने जो विश्वास किया है और मुझे जो दायित्व दिया है वो मैं अकेले नहीं निभा पाउंगा. इसलिए मुझे आप सभी का सहयोग और समर्थन चाहिए.” वहीं उन्होंने पूर्व मंत्री की मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.