Radha Krishna Temple: बहादुर अली के बनवाए मंदिर में विराजेंगे राधा-कृष्ण, 40 करोड़ की लागत से राजनांदगांव में हो रहा भव्य निर्माण
Radha Krishna Temple: इस समय देश में हर कोई राम नाम का जाप कर रहा है. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. लेकिन इससे पहले भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में राधा-कृष्ण के प्रेम के प्रतीक के तौर पर बहादुर अली 40 करोड़ का एक विशाल मंदिर बनवा रहे हैं. इसकी चर्चा पूरे प्रदेश में होने लगी है.
बहादुर अली 40 करोड़ में बनवा रहे हैं राधा कृष्ण मंदिर
दरअसल, राजनांदगांव जिले के बनभेड़ी में नेशनल हाईवे के किनारे 30 हजार स्क्वायर फीट की जमीन पर राधा-कृष्ण का मंदिर बनाया जा रहा है. इसकी कुल लागत लगभग चालीस करोड़ रुपए बताई गई है. मंदिर में जयपुर (राजस्थान) से मकराना मार्बल की प्रतिमाएं बनवाई जा रही हैं. बीच में भगवान राधा-कृष्ण की जोड़ी और अगल-बगल में भगवान गणेश और हनुमान जी विराजमान होंगे. इसके लिए जमीन एबीस कंपनी ने दी है.
क्यों खास है यह मंदिर
मंदिर निर्माण कराने वाले बहादुर अली ने दावा किया है कि मंदिर परिसर में पार्किंग और खेलकूद की जगह के अलावा प्रसाद के लिए अलग से जगह तय की जा रही है. पंडित के निवास स्थल भी बनाया जा रहा है. हवन व कथा के लिए भी यहां पांच हजार स्क्वायर फीट की जगह रखी गई है. वहीं धार्मिक अनुष्ठान भी यहां कराए जा सकेंगे. फिलहाल ढलाई का काम हो चुका है. आगे गुंबद का निर्माण किया जाएगा. बताया गया कि साल के अंत तक इसका निर्माण पूरा हो जाएगा. मंदिर के अंदर भजन-कीर्तन के लिए भी पर्याप्त जगह रहेगी.
राजनांदगांव में क्यों बनवा रहे हैं राधा कृष्ण मंदिर
आपको बता दें कि राजनांदगांव जिला शुरू से ही संस्कारधानी रहा है. यहां आपस में सभी मिलकर रहते हैं. एबीस के मालिक व एमडी बहादुर अली ने खुद अपने कॉरपोरेट ऑफिस में मस्जिद का निर्माण कराया है, जिसकी गिनती छत्तीसगढ़ के बड़े मस्जिदों में होती है. यहां सभी संप्रदाय के लोग दुआ मांगने आ सकते हैं. राधा कृष्ण मंदिर के बनने के पीछे भी यही वजह है. मंदिर को हाईवे किनारे बनाया जा रहा है ताकि दूसरे राज्यों के पर्यटक भी मंदिर आकर दर्शन कर सकें. बहादुर अली का कहना है कि भव्य मंदिर बनने से आपसी भाईचारा बढ़ेगा, जो संस्कारधानी राजनांदगांव के अनुरूप है. वहीं उन्होंने बताया कि इसमें विश्व हिंदू परिषद के नेता और गायत्री स्कूल के डायरेक्टर ललित सुरजन भी ट्रस्ट के मुखिया होंगे. इसके अलावा सिख समुदाय से भी इसमें कुछ लोगों को शामिल किया जाएगा.
कौन हैं बहादुर अली?
बहादुर अली राजनांदगांव के रहने वाले हैं. तीन भाइयों में दूसरे बहादुर अली हैं. जिले के बहादुर अली शुरुआत में जुनी हटरी के पास साइकिल की दुकान चलाया करते थे. इसके बाद बहादुर अली ने राजनांदगांव से 15 किलोमीटर दूर तिलई गांव में मुर्गी फार्म की शुरुआत की और फिर धीरे-धीरे पूरे छत्तीसगढ़ में इसका विस्तार कर दिया. बहादुर अली इतने में ही नहीं रुके, उन्होंने देशभर में मुर्गी फार्म खोल दिए. आज पूरे एशिया में मुर्गी फॉर्म के मामले में एबीस का दूसरा स्थान है.