Chhattisgarh News: बस्तर के बैलाडीला की पहाड़ियों में सिर्फ लौह अयस्क ही नहीं मिलते बल्कि यहां के जंगलों में ऐसे-ऐसे जीव जंतु और औषधि मिलती है जिसे जान कर आप हैरान रह जाएंगे. बैलाडीला क्षेत्र अपनी ना सिर्फ पर्यटन के दृष्टिकोण से समृद्ध है बल्कि यहां पाए जाने वाले जीव जंतुओं के विषय में भी अभी बहुत कुछ खोजा जाना बाकी है. जब लोगों को लगने लगता है कि अब बस यह अंत है तभी बैलाडीला का माइक्रो एनवायरनमेंट चौंका देता है.
सिंगापुर मैग्जीन में बस्तर में मिली सांप की छपी खबर
दरअसल बैलाडीला की पहाड़ियों में वर्ष 2022 में जहां माउस डियर की दिखने की घटना सामने आई थी, वहीं हाल ही में प्राणी संरक्षण कल्याण समिति के सदस्यों ने सांप की एक नई प्रजाति खोज निकाली है. खास बात यह है कि इस सांप को बस्तर ही नहीं समूचे छत्तीसगढ़ में भी पहली बार देखा गया है. Ahetulla Laudankia नामक यह सांप केवल भारत में ही पाया जाता है. यह सांप असम, ओडिशा और पश्चिमी भारत में भी दिख जाते हैं. छत्तीसगढ़ में इसे पहली बार ही देखा गया है.
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बस्तर का सांप अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचा
बता दें कि यह सांप हल्के विषैले होते हैं और इनका मुख्य आहार पेड़ों पर रहने वाले छोटे जीव और पक्षी होते हैं. इस सांप को बैलाडीला के बचेली परियोजना के 10, 11 छनन संयंत्र के पास प्राणी संरक्षण कल्याण समिति के सदस्यों द्वारा देखा और रेस्क्यू किया गया है. इसके बाद मध्यप्रदेश के जीव विज्ञानी विवेक शर्मा की सहायता से इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाया गया जिससे बस्तर के बैलाडीला के पर्यावरण और जैव विविधता की विशेषता को फिर एक बार प्रकाश में लाने का काम किया गया है.