Chhattisgarh: श्रम अन्न योजना का होगा विस्तार, श्रमिकों के बच्चों को मिलेगी फ्री में शिक्षा, श्रम मंत्री ने की घोषणा

Chhattisgarh News: मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में श्रमिकों के लिए संचालित शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना का विस्तार किया जाएगा.
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मंत्री लखनलाल देवांगन

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार श्रमिकों के लिए संचालित शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना का विस्तार करने जा रही है. इस योजना के तहत श्रमिकों को मात्र 5 रूपए में गरम भोजन जिसमें दाल, चावल, सब्जी, अचार दिया जाता है. फिलहाल ये योजना के तहत सात जिलों रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ़, महासमुन्द और सूरजपुर में 21 केन्द्र संचालित हो रहे हैं. इन केन्द्रों के माध्यम से प्रतिदिन करीब 3200 श्रमिकों को गरम भोजन मिल रहा है. अगले वित्तीय वर्ष में इस योजना के अंतर्गत 9 जिलों में 24 नए केन्द्र खोले जाएंगे. ये सभी जानकारी उद्योग और श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने विधानसभा में दी है.

श्रमिकों के लिए करोड़ों रुपए बजट में प्रावधान

सदन में मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में श्रमिकों के लिए संचालित शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना का विस्तार किया जाएगा. साथ ही नए बजट में श्रम कानूनों के क्रियान्वयन के लिए 32 करोड़ रूपए और औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए 6 करोड़ रूपए से अधिक का प्रावधान किया गया है. साथ ही कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं के अंतर्गत श्रमिकों के लिए 61 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है.

“मोर चिन्हारी भवन” की होगी शुरुआत

श्रम मंत्री देवांगन ने विधानसभा सत्र के दौरान बताया कि दूसरे राज्यों में  प्रवास करने वाले छत्तीसगढ़ के श्रमिकों के सहयोग एवं मार्गदर्शन के लिए वहां ‘‘मोर चिन्हारी भवन‘‘ की स्थापना की जाएगी. इसके पहले चरण में पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, गुजरात और महाराष्ट्र में जहां राज्य के श्रमिक अधिक संख्या में प्रवास करते हैं, वहां मोर चिन्हारी भवन बनाए जाएंगे. इसके माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को समय-समय पर सहयोग और मार्गदर्शन दिया जाएगा.

 निःशुल्क शिक्षा देने के लिए जल्द ही नई योजना शुरू की जाएगी

बता दें कि सदन में मंत्री ने बताया कि पंजीकृत श्रमिक परिवारों के बच्चों को अच्छी निःशुल्क शिक्षा देने के लिए जल्द ही नई योजना शुरू की जाएगी. उन्होंने बताया कि पंजीकृत श्रमिकों के द्वारा आर्थिक गतिविधि के लिए बैंक से लिए गए ऋण पर लगने वाले ब्याज में अनुदान देने की भी योजना जल्दी शुरू की जाएगी.  इससे श्रमिक आत्मनिर्भर बन सकेंगे और वे स्वयं मालिक बनने की दिशा में अग्रसर हो सकेंगे.

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