Surguja कलेक्टर के दफ्तर के बाहर Skill India का प्रोग्राम फेल, मशीने खा रहीं धूल, करोड़ों के ट्रेनिंग सेंटर में ताला
Surguja: आदिवासी बाहुल्य सरगुजा जिले में केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण कार्यक्रम स्किल इंडिया का कार्यक्रम फेल हो गया है. स्किल इंडिया का नारा कौशल भारत कुशल भारत सिर्फ बैनर पोस्टर में ही धूल खा रहे हैं अंबिकापुर में टेक्सटाइल मिनिस्ट्री के द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर स्किल इंडिया के तहत करीब 10 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर एक ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण कराया गया था और लाखों रुपए की सिलाई मशीन यहां स्थापित की गई थी, लेकिन अब पूरा सेंटर बंद हो गया है और मशीन यहां जंग खा रही है.
कलेक्टर के दफ्तर के बाहर Skill India का प्रोग्राम फेल
अंबिकापुर में जिला सत्र न्यायालय के पीछे उद्योग एवं व्यापार केंद्र परिसर में टेक्सटाइल मिनिस्ट्री के सहयोग से स्किल इंडिया (Skill India) प्रोग्राम शुरू किया गया था. स्किल इंडिया के तहत करीब 10 करोड़ से अधिक की लागत में एक अत्याधुनिक ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण किया गया था, ट्रेनिंग सेंटर का जब निर्माण हुआ. उसके बाद यहां पर युवाओं को कुछ दिनों तक ट्रेनिंग दिया गया, लेकिन उसके बाद अब पिछले 4 सालों से यह कार्यक्रम यहां बंद कर दिया गया है. वही यहां अलग-अलग कमरों में रखे गए महंगी सिलाई मशीन ने धूल खा रही है.
करोड़ों के ट्रेनिंग सेंटर में ताला
यहां करीब 300 से अधिक सिलाई मशीन है. इन मशीनों के माध्यम से आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई का प्रशिक्षण दिया जाना था, लेकिन अब यह मशीन यहां पर कबाड़ हो रही हैं. वही जिम्मेदारों ने अपने लापरवाही को छुपाने के लिए यहां पर मशीनों को कमरों में बंद कर दिया है और बिल्डिंग के बाहर ताला जड़ दिया है.
इस ट्रेनिंग सेंटर के बाहर अभी भी कई बैनर पोस्टर लगे हुए हैं जिसमें दावा किया गया है कि यहां ट्रेनिंग लेने के बाद आप स्वरोजगार से जुड़ेंगे तो आपको हर महीने करीब 8000 से अधिक का मुनाफा होगा, लेकिन यह सब कुछ यहां होर्डिंग में ही रह गया है, हद तो यह है कि सेंटर के बंद होने के बाद भी जिम्मेदारों के द्वारा अब तक यह तय नहीं किया गया है कि आखिर आगे स्किल इंडिया के तहत ट्रेनिंग कब शुरू होगा. जब यह ट्रेनिंग सेंटर शुरू हुआ तब यहां पर एटीडीसी नामक संस्था के द्वारा ट्रेनिंग दिया जाता था. यह संस्था टेक्सटाइल मिनिस्ट्री से संबंध है लेकिन आप यहां संस्था के जिम्मेदार भी नहीं रहते हैं, वही जिस जिला व्यापार व उद्योग केंद्र के परिसर में ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया गया था.
सिर्फ कागजों में योजना
इस केंद्र के महाप्रबंधक अंकुर गुप्ता का कहना है कि उन्होंने ट्रेनिंग सेंटर बंद होने की जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को दे दिया है, ताकि इस केंद्र में रखे मशीनों का सही उपयोग हो सके और करोड़ों की बिल्डिंग को सुरक्षित किया जा सके. बता दें कि सरकार के द्वारा रोजगार विकसित करने के लिए इसी तरह करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर उनका क्रियान्वयन नहीं होता और सिर्फ कागजों में ही बेरोजगारों को रोजगार मिल पाता है, नौकरियां मिल पाती हैं.