क्या है Chhattisgarh का नान घोटाला, जिसके हर पहलुओं की जांच करेगी CBI; नोटिफिकेशन जारी
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के चर्चित नान घोटाला मामले के हर पहलुओं की जांच अब CBI करेगी. छत्तीसगढ़ सरकार ने इस स्कैम की जांच CBI को सौंप दी है. इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. अब तक इस मामले में EOW जांच कर रही थी.
क्या है छत्तीसगढ़ नान घोटाला?
छत्तीसगढ़ में साल 2015 में नान यानी नागरिक आपूर्ति निगम में घोटाला होने की बात सामने आई. राज्य में नागरिक आपूर्ति निगम के जरिए ही सावर्जनिक वितरण प्रणाली का संचालन होता है. ACB की टीम ने 2015 में नान मुख्यालय सहित अधिकारियों-कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर रेड मारी थी.
घटिया क्वालिटी का चावल खरीदा गया
आरोप थे कि राइस मिलों से लाखों क्विंटल घटिया क्वालिटी का चावल खरीदा गया. इसके एवज में करोड़ों की रिश्वत ली गई. साथ ही चावल स्टोरेज और परिवहन में भी घोटाले के आरोप लगे. रेड के दौरान करोड़ों रुपए कैश, कथित स्कैम से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किया गया.
CBI करेगी जांच
इस मामले में कांग्रेस सरकार में महाधिवक्ता रहे सतीश चंद्र वर्मा, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला जांच के घेरे में हैं. तीनों के खिलाफ गवाहों पर दबाव बनाने और बयान भी बदलवाने का आरोप है. अब इस मामले में CBI जांच करेगी. अब तक EOW पूरे मामले की जांच कर रही थी.
इन धाराओं के तहत केस दर्ज
छत्तीसगढ़ ACB-EOW ने डॉ. आलोक शुक्ला, अनिल टुटेजा, सतीश चंद्र वर्मा और अन्य पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धाराओं 7, 7क, 8, और 13(2) और भारतीय दंड संहिता की धाराएं 182, 211, 193, 195-ए, 166-ए, और 120बी के तहत अपराध दर्ज किए हैं.
बता दें कि इस मामले में वॉट्सऐप चैट के जरिए कई बातों का खुलासा हुआ था.