Chhattisgarh: नए शैक्षणिक सत्र 2024 और 25 में अब शिक्षक पाठ्यक्रम के साथ-साथ छात्रों को सेहत का पाठ भी पढ़ाते नजर आएंगे. प्रदेशभर के स्कूलों में आगामी शिक्षा सत्र से योग और प्राणायाम अनिवार्य कराया जाएगा. दरअसल स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शनिवार शाम को भास्कर पब्लिक स्कूल चंगोरा भाठा में वार्षिक उत्सव में शामिल होने पहुंचे थे. तभी उन्होने संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों के बहुमुखी विकास के लिए आगामी शिक्षण सत्र से स्कूलों में योग, प्राणायाम, खेल के साथ ही मौलिक शिक्षा को अनिवार्य किया जायेगा.
बच्चों की प्रतिभा को सामने लाना शिक्षकों की जिम्मेदारी- बृजमोहन
मंत्री ने आगे कहा कि बच्चों में छिपी प्रतिभा को सामने लाने की जिम्मेदारी परिजनों से ज्यादा शिक्षकों पर होती है, क्योंकि एक उम्र के बाद उनका ज्यादा वक्त स्कूल में गुजरता है. यह समझना चाहिए कि बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते हैं और शिक्षक कुम्हार की तरह जो बच्चों को एक रूप देते हैं, जिससे उनके बेहतर चरित्र का निर्माण हो सके. इसलिए तो सनातन धर्म में गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है. हमारी सरकार प्रदेश के बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा देने के लिए संकल्पित है.
ये भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: छत्तीसगढ़ की 4 लोकसभा सीटों पर महिला प्रत्याशी उतारेगी कांग्रेस
किस-किस राज्यों के स्कूलों में लागू है योग
देशभर के कई राज्यों में योग को अनिवार्य किया गया है. मध्य प्रदेश में 21 जून 2023 को शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी की सभी स्कूलों में योग अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी योगी सरकार ने योग को अनिवार्य रूप से लागू कर दिया है. 5 से 14 साल के बच्चों को योग सिखाया जाता है. राजस्थान के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में योग शिक्षा अनिवार्य किया गया है. ताकि बच्चे सभी तरह से फीट रह सकें. बता दें कि, प्रदेशभर में 56 हजार से अधिक स्कूल संचालित किए जाते हैं. इन स्कूलों में 5 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं.