Vistaar NEWS

सीएम अरविंद केजरीवाल को नहीं मिली राहत, अंतरिम जमानत देने से Supreme Court का इनकार, CBI को जारी किया नोटिस

Arvind Kejriwal on Remand

अरविंद केजरीवाल (फोटो- सोशल मीडिया)

Delhi Excise Policy Case: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया. केजरीवाल ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए SC में याचिका दायर की थी. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा, “हम कोई अंतरिम जमानत नहीं दे रहे हैं. हम नोटिस जारी करते हैं.” शीर्ष अदालत ने सीबीआई को नोटिस जारी किया है और केजरीवाल की याचिका पर जवाब देने के लिए केंद्रीय एजेंसी को 23 अगस्त तक का समय दिया है. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 17 महीने की कैद के बाद जमानत दिए जाने के कुछ दिनों बाद सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश आया है.

ED मामले में पहले ही मिल चुकी है जमानत

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय के मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है. इस साल मार्च में केंद्रीय एजेंसी ने केजरीवाल को अब खत्म हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया था. बाद में उन्हें सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया था. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने ईडी मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी. पिछले हफ़्ते दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी और सीबीआई मामले के सिलसिले में उनकी गिरफ़्तारी को बरकरार रखा. कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ़्तारी वैध थी और सीबीआई के कृत्यों में कोई दुर्भावना नहीं थी. हाई कोर्ट ने कहा कि गिरफ़्तारी तभी की गई जब पर्याप्त सबूत एकत्र किए गए और मंज़ूरी प्राप्त की गई. सीबीआई ने कोर्ट के सामने दिखाया कि कैसे केजरीवाल मामले में गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं जो उनकी गिरफ़्तारी के बाद ही गवाही दे सकते हैं.

यह भी पढ़ें: ‘पाकिस्तान का भारत में विलय होगा या फिर हमेशा के लिए खत्म होगा’, बांग्लादेशी हिंदुओं पर CM योगी ने कही ये बात

LG ने दिए थे जांच के आदेश

दिल्ली के एलजी द्वारा सीबीआई से आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के दावों की जांच करने का अनुरोध करने के बाद 2022 में आबकारी नीति को बंद कर दिया गया.सीबीआई और ईडी का दावा है कि आबकारी नीति में बदलाव करते समय और लाइसेंस धारकों को अत्यधिक लाभ देते समय अनुचित कार्रवाई की गई.

 

Exit mobile version