जस्टिस बेला त्रिवेदी का जन्म 10 जून 1960 को पाटण, गुजरात में हुआ था. वे एमएस यूनिवर्सिटी, वडोदरा से अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद 1980 में वकील बनीं. शुरुआती दिनों में उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट में वकालत की और इसके बाद कई महत्वपूर्ण केसों में काम किया.
पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड कचरे के 10 टन को परीक्षण के आधार पर जलाने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
Ranveer Allahbadia Controversy: सुप्रीम कोर्ट में अल्लाहबादिया के विवादित टिप्पणी पर सुनवाई हुई. इस दौरान SC ने यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया को फटकार लगाई और कहा कि उनके दिमाग में गंदगी है, ऐसे इंसान के लिए हम क्यों सुनवाई करें.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मुफ्त योजनाएं भले ही गरीबों की मदद करती हैं, लेकिन यह भी जरूरी है कि लोग इन योजनाओं का लाभ लेने के बजाय अपने प्रयासों से खुद को आत्मनिर्भर बनाएं. अगर लोग काम करेंगे तो न केवल उनकी स्थिति सुधरेगी, बल्कि देश की प्रगति में भी योगदान मिलेगा.
महाकुंभ भगदड़ पर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई सोमवार, 3 फरवरी को हुई. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच ने इस मामले को गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया.
दिल्ली विधानसभा चुनाव का माहौल गरमाता जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज दिल्ली में रैली करेंगे.
CG News: बस्तर जिले के छिंदवाड़ा में मृतक पादरी के शव को दफनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया. हाई कोर्ट के निर्णय को बरकरार रखते हुए सुर्पीम कोर्ट ने मृतक के शव को ईसाई कब्रिस्तान में दफनाने का निर्णय दिया. जिसके बाद सोमवार देर शाम शहर से लगे करकापाल क्रिश्चियन कब्रिस्तान में मृतक के शव को दफना दिया गया.
अदालत ने यह भी बताया कि दंपति के बीच 28 नवंबर 2024 को हुए समझौते के तहत पिता अपनी पत्नी और बेटी को कुल 73 लाख रुपये देने पर सहमत हुए थे, जिसमें 43 लाख रुपये बेटी की शिक्षा के लिए निर्धारित थे.
Sambhal Survey Report: 45 दिन बाद 45 पन्नो के इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जामा मस्जिद के अंदर मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं. मस्जिद के अंदर दो वट वृक्ष हैं. अमूमन हिंदू धर्म के मंदिरों में ही वट वृक्ष की पूजा होती है.
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि दहेज उत्पीड़न के मामलों में अदालतों को न केवल कानून का सही तरीके से पालन करना चाहिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी तरह से दहेज कानून का दुरुपयोग न हो.