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केजरीवाल के जेल में जाने के बाद फुल एक्शन में सुनीता केजरीवाल, पहली बार AAP विधायकों के साथ की बैठक

Arvind Kejriwal

सुनीता केजरीवाल

Sunita Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद से दिल्ली में सियासी गर्मी बढ़ गई है. लगातार सवाल उठ रहा है कि केजरीवाल जेस से सरकार कैसे चलाएंगे. इस बीच उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल फुल एक्शन में नजर आ रही हैं. सुनीता ने मंगलवार को पहली बार दिल्ली विधायकों के साथ बैठक की. पार्टी के विधायक उनसे मिलने के लिए सरकारी आवास पहुंचे.

इस दौरान मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत और गोपाल राय समेत कई विधायक सुनीता केजरीवाल के साथ बैठक में शामिल रहें. गौरतलब है कि 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के 62 विधायक हैं. अन्य 8 विधायक भाजपा के हैं. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सभी विधायक व मंत्री ने सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की है.

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“दिल्ली के मुख्यमंत्री रहेंगे केजरीवाल”

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम सभी विधायक व मंत्री सुनीता केजरीवाल के साथ हैं. क्योंकि जेल में सुनीता केजरीवाल को अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने की मंजूरी है तो हमने ये संदेश अरविंद केजरीवाल को पहुंचाने के लिए कहा है. सौरभ ने कहा कि वह पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री4 तक संदेश ले जा सकती हैं और उनसे संदेश ला सकती है. हमने उनसे कहा है कि आज जब मुख्यमंत्री से बात हो तो उन्हें बताएं की अरविंद केजरीवाल जी दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, मुख्यमंत्री हैं और मुख्यमंत्री रहेंगे.

सुनीता को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं केजरीवाल

भाजपा ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने जानबूझकर आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज का नाम शराब घोटाले में लिया है. पार्टी के अनुसार, यह सुनीता केजरीवाल का राजनीतिक रास्ता साफ करने की कोशिश है.

अरविंद केजरीवाल ने लिया इन दो नेताओं का नाम

दरअसल, आज हुई अदालत की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने यह दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल ने यह माना है कि विजय नायर सीधे तौर पर उन्हें नहीं, बल्कि उनकी पार्टी के दो नेता आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था. ऐसे में यदि यह साबित हो जाता है कि विजय नायर सीधे तौर पर केजरीवाल से नहीं, बल्कि आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज से बातचीत करता था, तो मामलों की जांच इन्हीं दोनों नेताओं की ओर मुड़ जाएगी. इससे अरविंद केजरीवाल को क्लीन चिट भले न मिले, लेकिन आम आदमी पार्टी के इन दो नेताओं से पूछताछ होने की संभावना अवश्य बढ़ जाएगी.

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