Arvind Kejriwal Bail: आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ नियमित जमानत दे दी. जेल से बाहर आने पर उन्हें शीर्ष अदालत की तरफ से तय की गईं जमानत की शर्तों का पालन करना होगा, मसलन वह केस की मेरिट पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, गवाहों से संपर्क नहीं करेंगे आदि. कोर्ट ने केजरीवाल को और किन-किन शर्तों पर जमानत दी है. आइए देखते हैं.
दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में उन्हें ईडी और सीबीआई दोनों की तरफ से दर्ज केस में जमानत मिली है. केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को भी चुनौती दी थी लेकिन इस पर बेंच की अलग-अलग राय थी. अब नजर जमानत की शर्तों पर है.
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इन शर्तों पर मिली केजरीवाल को जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए शर्त रखी है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस की मेरिट पर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं करेंगे. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि केजरीवाल इस केस को लेकर कोई भी सार्वजनिक बयान नहीं देंगे. इसके अलावा अरविंद केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट के सामने हर सुनवाई पर मौजूद होना होगा, जबतक कि उन्हें पेशी से छूट न मिले.वहीं उन्हें 10-10 लाख के दो मुचलके भरने होंगे.
अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकेंगे और न ही वह सरकारी फाइलों पर दस्तखत कर सकेंगे. हालांकि, बहुत जरूरी होने पर वह फाइल पर दस्तखत कर सकेंगे. जमानत पर बाहर रहने के दौरान वह केस से जुड़े गवाहों से संपर्क नहीं करेंगे, संपर्क की कोशिश भी नहीं कर सकते.
21 मार्च को ईडी ने किया था गिरफ्तार
इससे पहले, पिछले हफ्ते जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने अरविंद केजरीवाल की जमानत अर्जी और अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था. दिल्ली के मुख्यमंत्री को इस साल 21 मार्च को ईडी ने एक्साइज पॉलिसी केस में कथित भ्रष्टाचार को लेकर गिरफ्तार किया था. लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी. लेकिन उसकी अवधि खत्म होने के बाद दिल्ली के सीएम को सरेंडर करना पड़ा था. बाद में सीबीआई ने भी 26 जून को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की तरफ से गिरफ्तारी पर सवाल उठाया.
किस मामले में गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल?
पूरा मामला दिल्ली के एक्साइज पॉलिसी केस से जुड़ा हुआ है. केजरीवाल सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी का ऐलान किया था. वह लागू भी हुई लेकिन उसमें अनियमितता के आरोप लगने लगे. दिल्ली के एलजी ने कथित अनियमितता की जांच के आदेश दे दिए। संयोग से उसके बाद दिल्ली सरकार ने 2022 में नई एक्साइज पॉलिसी को वापस ले लिया. इस मामले में अरविंद केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया और संजय सिंह भी गिरफ्तार हुए थे. सिसोदिया और सिंह पहले ही जमानत पर बाहर हैं.