MP News: राजधानी भोपाल के मानस भवन में दो दिवसीय रामायण सम्मेलन कार्यक्रम चल रहा है, जहां देश-विदेश से रामायण के कई विद्वान शामिल होने पहुंचे हैं. ऐसे ही एक दिग्गज छत्तीसगढ़ के रहने वाले ललित कुमार दुबे ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की. उन्होंने राम शब्द से ही रामायण तक लिख दी है. बता दें कि उन्होंने अपने जीवन में कई सारी उपलब्धियां पाई हैं. उन्हें कई नेशनल और इंटरनेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.
सहायक वन संरक्षक के पद पर चुके हैं ललित
बता दें कि ललित कुमार दुबे सहायक वन संरक्षक के पद पर भी रह चुके हैं. अब वह चित्रकारी कर रहे हैं. उन्होंने राम शब्द से ही रामायण तक लिख डाली है. ललित दुबे का कहना है की राम संस्कृत के दो धातुओं से मिलकर बना है ‘रम’ और ‘धम’ जिसमें ‘रम’ का मतलब होता है मिलना या उसमें रम जाना और ‘धम’ का मतलब होता है ब्रह्मांड के निराह के स्थान और जो ब्रह्मांड के निराह के स्थान में रम जाता है वह राम है, ब्रह्म है और इसीलिए इन्होंने अपनी कला को राम के नाम से चरितार्थ किया है.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मानस भवन में अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन का शुभारंभ आज से. देश विदेश से रामायण के विद्वान हो रहे शामिल. सम्मेलन क्यों है खास?
देखिए हमारी संवाददाता शुभांगी ने की चित्रकार ललित दुबे से खास बातचीत…#Ramayanaconference #MadhyaPradesh #Bhopal… pic.twitter.com/Sl4Cp6i32G
— Vistaar News (@VistaarNews) March 9, 2024
बेटी से मिली रामायण लिखने की प्रेरणा
सहायक वन संरक्षक के पद पर रहे ललित कुमार दुबे को रामायण लिखने की प्रेरणा अपनी बेटी से मिली. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि केवल ‘राम’ नाम शब्द से पूरी रामायण लिख डाली. ललित कुमार दुबे ने बताया कि उनकी बेटी के अंदर भी ऐसी रुचि है. उनकी बेटी भी ऐसी कलाओं में अपना भविष्य देखती हैं.
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ललित दुबे को मिला है उपलब्धियां
चित्रकार ललित कुमार दुबे को अपनी कला के लिए कई उपलब्धियां मिल चुकी है. उनको लाइफ टाइम अचिवमेंट अवॉर्ड भी मिल चुका है. उन्हें यह अवार्ड 2013 में सनातन संगम मण्डल बोरिया, दुर्ग से मिला था. इसके साथ ही उन्हें कलारत्न 2013, लोक कला महोत्सव गनीयरी, दुर्ग की ओर से भी नवाजा गया है. बता दें कि ललित कुमार दुबे को राज्यस्तरीय हस्तशिल्प पुरस्कार, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड के साथ और भी कई अवार्ड्स मिले चुके हैं.