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आत्महत्या रोकथाम पर आधारित फिल्म ‘नॉट टुडे’ ने छेड़ी महत्वपूर्ण बहस, दर्शकों को किया भावुक

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नॉट टुडे

Not Today: मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए बनाई गई 90 मिनट की फिल्म “नॉट टुडे” ने आत्महत्या रोकथाम के गंभीर मुद्दे पर एक नई चर्चा की शुरुआत की है. फिल्म का निर्देशन आदित्य कृपालानी ने किया है, और यह हाल ही में यूट्यूब पर रिलीज़ की गई. संवेदनशील विषय और दमदार अभिनय के चलते फिल्म को दर्शकों और आलोचकों से काफी सराहना मिल रही है.

दिलों को छू जाती है संवेदनशील कहानी

फिल्म की कहानी आलिया रुपवाला (रुचा इनामदार) नाम की एक युवा आत्महत्या रोकथाम काउंसलर के इर्द-गिर्द घूमती है. आलिया की ज़िंदगी उस वक्त बदल जाती है, जब उसे एक ऐसे व्यक्ति की मदद करनी होती है, जो जीवन से निराश होकर आत्महत्या करने का मन बना चुका है. इस व्यक्ति की भूमिका हर्ष छाया ने निभाई है, और उनका अभिनय फिल्म में एक भावनात्मक गहराई जोड़ता है. कहानी में दोनों पात्रों के बीच विकसित होता संबंध यह दिखाता है कि कैसे सहानुभूति, धैर्य, और एक-दूसरे के साथ जुड़ाव किसी की ज़िंदगी को बचा सकता है. आलिया अपने पेशेवर कौशल और व्यक्तिगत अनुभवों का उपयोग कर इस व्यक्ति को जीवन की उम्मीद वापस दिलाने की कोशिश करती है. फिल्म का हर दृश्य भावुकता से भरा है और यह दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है.

प्रीमियर और सराहना

फिल्म का प्रीमियर 1 सितंबर को किया गया, जिसे बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक अनुराग कश्यप ने पेश किया. प्रीमियर के दौरान, फिल्म ने उद्योग के कई बड़े कलाकारों और निर्माताओं का ध्यान खींचा. गजराज राव, मनाव कौल और रूही दोसानी जैसी हस्तियों ने फिल्म की संवेदनशीलता और गहरे भावनात्मक पहलू की खुलकर प्रशंसा की है. फिल्म के मुख्य विषय ‘आत्महत्या रोकथाम’ को जिस तरह से संवेदनशील तरीके से पेश किया गया है, उसे देख कर दर्शक भावुक हुए बिना नहीं रह सकते. फिल्म ने न केवल इस विषय पर एक नई बहस की शुरुआत की, बल्कि इसे जिस तरह से परदे पर लाया गया है, वह इसे बेहद महत्वपूर्ण बना देता है.

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दर्शकों की प्रतिक्रिया

यूट्यूब पर फिल्म की रिलीज़ के बाद, दर्शकों की प्रतिक्रियाएं भी बेहद उत्साहजनक रही हैं. कई दर्शकों ने इसे “प्रभावशाली” और “असाधारण” बताया है. फिल्म के कमेंट सेक्शन में लोगों ने लिखा है कि उन्होंने इस फिल्म को देखने के बाद मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को एक नए दृष्टिकोण से समझा है.

कुछ दर्शकों का कहना है कि “नॉट टुडे” ने उन्हें यह सिखाया है कि कैसे किसी की ज़िंदगी बचाने के लिए केवल सुनना और समझना भी पर्याप्त हो सकता है. कई लोगों ने इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करने की बात कही, ताकि आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता फैलाई जा सके.

मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाने का संदेश

फिल्म केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और आत्महत्या रोकथाम के उपायों पर भी ध्यान केंद्रित करती है. यह फिल्म ऐसे लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित हो सकती है, जो आत्महत्या के विचारों से जूझ रहे हैं या किसी ऐसे व्यक्ति की मदद करना चाहते हैं, जो इस स्थिति से गुजर रहा है.

आदित्य कृपालानी की यह फिल्म दर्शकों को यह संदेश देने में सफल रही है कि किसी की ज़िंदगी बचाने के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ है—सहानुभूति, समझ और एक-दूसरे से जुड़ाव. “नॉट टुडे” अब यूट्यूब पर उपलब्ध है, जहां इसे देखकर आप भी मानसिक स्वास्थ्य पर इस महत्वपूर्ण बातचीत में हिस्सा ले सकते हैं.

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