Dilip Kumar Death Anniversary: आज 7 जुलाई है, और यह दिन हिंदी सिनेमा के एक ऐसे सितारे की याद दिलाता है, जिनकी चमक आज भी फीकी नहीं पड़ी है. हम बात कर रहे हैं दिलीप कुमार की. ‘ट्रेजेडी किंग’ के नाम से मशहूर यह महान अभिनेता सिर्फ एक कलाकार नहीं थे, बल्कि एक बेहद संवेदनशील और नेक इंसान भी थे. आइए, आज उनकी पुण्यतिथि पर उनकी जिंदगी के कुछ अनसुने और दिलचस्प किस्सों को जानते हैं.
क्यों कहलाए ‘ट्रेजेडी किंग’?
दिलीप कुमार को ‘ट्रेजेडी किंग’ इसलिए कहा जाता था, क्योंकि वो दुख भरे किरदारों में जान डाल देते थे. उनकी आंखों में उतरती उदासी और दर्द को देखकर दर्शक भी भावुक हो उठते थे. लेकिन, लगातार ऐसे गंभीर रोल करते-करते वे असल जिंदगी में डिप्रेशन का शिकार हो गए. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी कि वे थोड़ी हल्की-फुल्की फिल्में करें. इसके बाद उन्होंने ‘आजाद’ और ‘राम और श्याम’ जैसी कॉमेडी फिल्में कीं, जिनमें उनकी कॉमिक टाइमिंग को भी दर्शकों ने खूब सराहा.
किस अभिनेत्री के साथ सबसे ज्यादा फिल्में?
क्या आप जानते हैं कि दिलीप कुमार ने सबसे ज्यादा फिल्में किस अभिनेत्री के साथ कीं? वह कोई और नहीं, बल्कि जानी-मानी अभिनेत्री वैजयंतीमाला थीं. इन दोनों की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री कमाल की थी, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया. उन्होंने एक साथ कई यादगार फिल्में दीं, जिनमें ‘देवदास’, ‘नया दौर’, ‘मधुमती’, ‘पैगाम’, ‘गंगा जमुना’ और ‘लीडर’ जैसी फिल्में शामिल हैं. उनकी जोड़ी जब भी पर्दे पर आती थी, तो धमाल मचा देती थी.
यूसुफ से दिलीप कुमार बनने का सफर
बहुत कम लोग जानते हैं कि दिलीप कुमार का असली नाम यूसुफ खान था. साल 1944 में जब उनकी पहली फिल्म ‘ज्वार भाटा’ रिलीज हुई, तो फिल्म निर्माता देविका रानी ने उन्हें नाम बदलने की सलाह दी ताकि वो दर्शकों से बेहतर जुड़ सकें. यूसुफ ने तब ‘दिलीप कुमार’ नाम चुना और यही नाम उनकी पहचान बन गया, जिसने हिंदी सिनेमा में इतिहास रच दिया.
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मधुबाला से अधूरा प्यार और सायरा बानो से अटूट साथ
दिलीप कुमार और मधुबाला की प्रेम कहानी बॉलीवुड की सबसे चर्चित कहानियों में से एक है. फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ की शूटिंग के दौरान वे एक-दूसरे के करीब आए, हालांकि उनकी पहली मुलाकात 1951 में फिल्म ‘तराना’ के सेट पर हुई थी. उनकी ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन केमिस्ट्री ने सबका दिल जीत लिया था, लेकिन मधुबाला के पिता के विरोध के कारण यह प्रेम कहानी अधूरी रह गई.
बाद में साल 1966 में दिलीप कुमार ने अभिनेत्री सायरा बानो से शादी की. सायरा उनसे 22 साल छोटी थीं, लेकिन उनकी जोड़ी को बेशुमार प्यार मिला. सायरा बानो ने दिलीप कुमार की जिंदगी में स्थिरता लाईं और हर सुख-दुख में उनका साथ निभाया.
एक एक्टर से बढ़कर एक इंसान
दिलीप कुमार सिर्फ एक महान अभिनेता ही नहीं, बल्कि एक सच्चे समाजसेवी भी थे. उन्होंने राज्यसभा सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं और कई सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. कहा जाता है कि एक बार उन्होंने अपनी सारी कमाई एक चैरिटी को दान कर दी थी, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. यह दिखाता है कि उनका दिल कितना बड़ा था.
कब हुए थे रुखसत?
हिंदी सिनेमा का यह जगमगाता सितारा 7 जुलाई, 2021 को हमसे हमेशा के लिए जुदा हो गया था. मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में 98 साल की उम्र में उन्होंने लंबी बीमारी के बाद अपनी अंतिम सांस ली. दिलीप कुमार ने बेशक इस दुनिया को अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनकी फिल्में और उनके अभिनय की विरासत हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगी.
