Jagdeep Dhankhar: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिए अपने टिप्पणी को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर दोहराया है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा- ‘संसद सर्वोच्च है और सांसद यह तय करने का अंतिम अधिकार रखते हैं कि संविधान कैसा होगा, उनके ऊपर कोई भी नहीं हो सकता.’
फिर बोले धनकड़
मंगलवार, 22 अप्रैल को दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में पहुंचे देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर से अपनी बात को बेबाकी से कहा है. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने के राज्यपाल और राष्ट्रपति के लिए आदेश जारी करने पर उपराष्ट्रपति भड़क गए थे. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान सुप्रीम कोर्ट को लेकर बड़ा बयान दिया था.
उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति को आदेश देने का अधिकार SC के पास नहीं है. आर्टिकल 142 का इस्तेमाल ‘न्यूक्लियर बम’ की तरह इस्तेमाल हो रहा है. जिसके बाद उपराष्ट्रपति के खिलाफ एससी में अवमानना की याचिका दायर की गई है.
‘संसद से ऊपर कुछ नहीं’- धनखड़
आज धनखड़ ने अपनी बात को दुबारा दोहराया है. उन्होंने कहा है कि संसद देश की सबसे बड़ी संस्था है और चुने हुए सांसद ही तय करेंगे कि संविधान कैसा होगा. कोई भी संस्था संसद से ऊपर नहीं हो सकती. सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि एक बार कोर्ट ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना इसका हिस्सा नहीं है (गोलकनाथ केस के संदर्भ में), फिर दूसरी बार कहा कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है (केशवानंद भारती केस के संदर्भ में).’
‘चुप रहना खतरनाक’- धनखड़
धनखड़ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में बातों को कहते हुए आगे कहा कि लोकतंत्र में बातचीत और खुली चर्चा बहुत जरूरी है. अगर सोचने-विचारने वाले लोग चुप रहेंगे तो इससे नुकसान हो सकता है. संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को हमेशा संविधान के मुताबिक बोलना चाहिए. हम अपनी संस्कृति और भारतीयता पर गर्व करें. देश में अशांति, हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है. जरूरत पड़ी तो सख्त कदम भी उठाने चाहिए.
