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लिक्विड ऑक्सीजन लीक होने से चौथी बार टला Axiom-4 मिशन, Shubhanshu Shukla की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा में देरी

Axiom-4 Mission

Axiom-4 मिशन फिर टाल दिया गया

Shubhanshu Shukla: Axiom-4 मिशन, जिसके तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले हैं, उसे चौथी बार स्थगित कर दिया गया है. 14 दिन के अंदर ये चौथी बार टला है. इस बार देरी का कारण स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन (LOx) लीक की खोज है.

लॉन्च से पहले स्टैटिक फायर टेस्ट के बाद नियमित जांच के दौरान पता चला की लिक्विड ऑक्सीजन लीक हो रहा है. स्पेसएक्स (SpaceX) ने अपने आधिकारिक एक्स पोस्ट में कहा- फाल्कन 9 लॉन्च को स्थगित किया जा रहा है ताकि स्पेसएक्स की टीमें स्टैटिक फायर टेस्ट के बाद पाई गई LOx लीक को ठीक कर सकें.’ नई लॉन्च तारीख की घोषणा मरम्मत और रेंज उपलब्धता के बाद की जाएगी.

बार-बार स्थगन का सिलसिला

Axiom-4 मिशन पहले 29 मई 2025 को लॉन्च होने वाला था, लेकिन तकनीकी और मौसमी कारणों से इसे 8 जून, फिर 10 जून और अब 11 जून से आगे टाल दिया गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मुताबिक, लॉन्च वाहन के बूस्टर स्टेज के प्रदर्शन को मान्य करने के लिए किए गए सात सेकंड के हॉट टेस्ट के दौरान प्रणोदन खंड (प्रोपल्शन बे) में LOx लीक का पता चला है. ISRO ने स्पष्ट किया कि लीक को ठीक करने और आवश्यक मान्यता परीक्षणों के बाद ही लॉन्च को मंजूरी दी जाएगी.

शुभांशु शुक्ला और मिशन का महत्व

भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, एक अनुभवी टेस्ट पायलट है. वह इस मिशन के भी पायलट हैं. साल 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले वे दूसरे भारतीय होंगे. यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए 40 साल बाद पहली सरकारी प्रायोजित मानव अंतरिक्ष उड़ान है. शुक्ला 14 दिनों तक ISS पर रहकर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें इसरो के सात प्रयोग शामिल हैं. ये प्रयोग माइक्रोग्रैविटी में खाद्य पदार्थों, मानव स्वास्थ्य और जैव प्रौद्योगिकी पर केंद्रित हैं.

तकनीकी खराबी पर स्पेसएक्स की प्रतिक्रिया

लिक्विड ऑक्सीजन लीक फाल्कन 9 रॉकेट के बूस्टर स्टेज में पाया गया है. जो मिशन के लिए इस्तेमाल होने वाला विश्वसनीय लॉन्च वाहन है. ISRO और SpaceX की टीमें मिलकर इस समस्या का समाधान कर रही हैं. इसरो चेयरमैन वी. नारायणन ने फाल्कन 9 और ड्रैगन यान की विश्वसनीयता पर भरोसा जताया है, लेकिन सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. स्पेसएक्स ने कहा कि मरम्मत के बाद और रेंज उपलब्धता की पुष्टि होने पर नई लॉन्च तारीख घोषित की जाएगी.

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भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण

यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम, विशेष रूप से गगनयान मिशन, के लिए महत्वपूर्ण है. शुक्ला के अनुभव से भारत को मानव अंतरिक्ष उड़ान में तकनीकी और वैज्ञानिक जानकारी मिलेगी, जो 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और 2047 तक चंद्र मिशन के लिए आधार तैयार करेगी. बार-बार देरी के बावजूद, इसरो और स्पेसएक्स इस मिशन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. चालक दल, जिसमें शुक्ला, अमेरिका की पेगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोस उज़्नांस्की और हंगरी के टिबोर कापु शामिल हैं, 25 मई से क्वारंटीन में है और लॉन्च की तैयारी कर रहे हैं.

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