कौन हैं Shubhanshu Shukla? अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर जाने वाले बनेंगे पहले भारतीय, होंगे मिशन के प्राइम एस्ट्रोनॉट
शुभांशु शुक्ला
Shubhanshu Shukla: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इतिहास रचने के लिए तैयार हैं. वह अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनेंगे. Axiom Mission 4 (Ax-4) के प्राइम पायलट के रूप में, शुक्ला भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नए युग की शुरुआत करेंगे. यह मिशन 11 जून को NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च होने वाला है.
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के कॉम्बेट व टेस्ट पायलट हैं. उन्हें 10 जून को आईएसएस (ISS) के लिए उड़ान भरनी थी. लेकिन मौसम की खराबी के कारण उनकी उड़ान टाल दी गई. अब वह तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ 11 जून को भारतीय समय के अनुसार शाम को 5.30 बजे कैनेडी स्पेश सेंटर से उड़ान भरेंगे.
शुभांशु शुक्ला का जीवन और शिक्षा
शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर, 1985 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, लखनऊ से पूरी की. 1999 के कारगिल युद्ध से प्रेरित होकर, उन्होंने स्वतंत्र रूप से UPSC NDA परीक्षा दी और उसे पास किया. साल 2005 में नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से कंप्यूटर साइंस में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की. इसके बाद में, उन्होंने बैंगलोर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी की डिग्री प्राप्त की.
सैन्य और उड़ान अनुभव
शुभांशु शुक्ला को जून 2006 में भारतीय वायुसेना के फाइटर विंग में कमीशन किया गया. एक अनुभवी टेस्ट पायलट और फाइटर कॉम्बैट लीडर के रूप में, उनके पास Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, Jaguar, Hawk, Dornier, और An-32 जैसे विमानों पर 2,000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है. मार्च 2024 में उन्हें ग्रुप कैप्टन के पद पर पदोन्नति मिली.
अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण
2019 में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्ला को अपने पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान, के लिए चुना था. 2020 से 2021 तक, उन्होंने रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में बेसिक अंतर astronaut training पूरा किया. इसके बाद, वे बैंगलोर में ISRO के Astronaut Training Facility में मिशन-विशिष्ट प्रशिक्षण के लिए लौटे. उन्होंने NASA, यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA), और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के साथ भी प्रशिक्षण लिया, जिसमें ISS के कोलंबस मॉड्यूल और जापानी प्रयोग मॉड्यूल (Kibo) में काम शामिल था.
Axiom Mission 4 (Ax-4) का महत्व
Axiom Mission 4 एक निजी अंतरिक्ष उड़ान मिशन है, जो NASA, SpaceX, और ISRO के बीच सहयोग से आयोजित किया जा रहा है. यह मिशन भारत, पोलैंड, और हंगरी के लिए पहली बार ISS पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजेगा. शुक्ला इस मिशन के पायलट होंगे, और उनके साथ पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन (कमांडर), पोलैंड के स्लावोस उज़्नांस्की-विस्निएव्स्की, और हंगरी के टिबोर कपु होंगे. यह मिशन 14 दिनों तक ISS पर रहेगा, जहां चालक दल वैज्ञानिक प्रयोग, शैक्षिक आउटरीच, और वाणिज्यिक गतिविधियां करेगा.
शुक्ला मिशन के दौरान 60 वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लेंगे, जिनमें से सात ISRO द्वारा चुने गए हैं. इनमें माइक्रोग्रैविटी में मानव-कंप्यूटर इंटरैक्शन, कृषि, खाद्य विज्ञान, और मानव जीव विज्ञान से संबंधित प्रयोग शामिल हैं. इसके अलावा, शुक्ला भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए ISS पर योग करने की योजना बना रहे हैं और भारत के विभिन्न हिस्सों से सांस्कृतिक वस्तुएं ले जाएंगे.
भारत के लिए ऐतिहासिक मील का पत्थर
शुभांशु शुक्ला 41 साल बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे, पहले राकेश शर्मा थे, जिन्होंने 1984 में सोवियत सोयुज T-11 मिशन पर उड़ान भरी थी. यह मिशन भारत के गगनयान मिशन (2026) के लिए महत्वपूर्ण अनुभव प्रदान करेगा, जो भारत का पहला स्वदेशी मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है. इस मिशन की लागत लगभग 550 करोड़ रुपये (लगभग $60 मिलियन) है.
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व्यक्तिगत जीवन
शुभांशु शुक्ला की शादी डॉ. कामना से हुई है, जो एक डेंटिस्ट हैं, और उनके चार साल का एक बेटा है. उनके पिता, शंभु दयाल शुक्ला, एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं, और उनकी माता, आशा शुक्ला, एक गृहिणी हैं. वह तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. अपने खाली समय में, शुक्ला शारीरिक व्यायाम और विज्ञान से संबंधित किताबें पढ़ना पसंद करते हैं.