Vistaar NEWS

‘लव जिहाद’…धर्मांतरण का नया तरीका, जानें क्या कहता है भारतीय न्याय संहिता?

love jihad

प्रतीकात्मक चित्र

Love Jihad: हाल के दिनों में देश भर में लव जिहाद के कई मामले सामने आए. इनमें से कई मामलों ने हैरान कर दिया. लेकिन अगर आप गौर करें तो ज्यादातर मामलों में पीड़ितों का कहना था कि उन पर धर्मपरिवर्तन के लिए दबाव डाला गया. आखिर लव जिहाद का जाल इतनी तेजी से क्यों फैल रहा है? जानिए लव जिहाद को लेकर क्या कहता है भारत का कानून?

क्या है लव जिहाद?

जिहाद एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब होता है ‘कोशिश करना’ या ‘संघर्ष करना’. इस शब्द का इस्तेमाल इस्लाम में व्यापक तौर पर किया जाता है. इसका मकसद बुराई को दूर करने के लिए उचित संघर्ष करना है, लेकिन हालिया परिवेश में इसका इस्तेमाल धर्म परिवर्तन के लिए किया जा रहा है. इतना ही नहीं लव जिहाद एक इस्लामोफोबिक षड्यंत्र के रूप में उभरा है. मुस्लिम पुरुष प्यार और शादी के बहाने हिंदू या अन्य धर्म की महिलाओं को इस्लाम के प्रति आकर्षित करते हैं. लेकिन अगर महिला तैयार न हो तो उन्हें ब्लैकमेल कर जबरन धर्म परिवर्तन करने पर मजबूर किया जाता है.

भारत में कहां से आया लव जिहाद?

ये शब्द पहली बार 2009 में चर्चा में आया. जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) और श्री राम सेना जैसे हिंदू संगठनों ने दावा किया कि केरल में महिलाओं को बहला-फुसलाकर मुस्लिम पुरुषों से शादी करने पर मजबूर किया जा रहा है. मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को धर्म परिवर्तन करने के लिए प्यार का दिखावा करते हैं. कई बार तो हिंदू लड़कियों को धोखे से शादी के बहाने ये अपने जाल में फंसाते हैं. जबकि कई मामले तो ऐसे हैं, जिसमें हिंदू महिलाओं का अपहरण कर उन्हें धर्म बदलने और इस्लाम कबूल करने पर मजबूर किया गया. ज्यादातर हिंदू संगठनों का मानना है कि इसका मुख्य उद्देश्य भारत के खिलाफ मुस्लिमों का जनसांख्यिकीय युद्ध हो सकता है.

कैसे फैला लव जिहाद का जाल?

हाल के सालों में सोशल मीडिया के माध्यम से कई तरह के अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है. जिहादियों के लिए भी ये एक बड़ा हथियार बन चुका है. जहां सोशल मीडिया के जरिए मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं के संपर्क में आते हैं. मुस्लिम पुरुष महिलाओं को अपने प्यार की जाल में फंसाकर उन्हें धर्म परिवर्तन करने के लिए उकसाने लगते हैं. बीते कुछ वर्षों में तो जो मामले सामने आए उनमें मुख्य रूप से ये देखा गया कि मुस्लिम युवक अपना नाम बदलकर हिंदू लड़कियों के संपर्क में आए और उन्हें अपने प्यार के जाल में फंसाकर उन्हें धोखा देकर पहले उनका शोषण किया और फिर उन्हें धर्म बदलने पर मजबूर किया गया.

ये भी पढ़ें- MP News: PM मोदी के काफिले के लिए ऐसे तय हुए ड्राइवर, 7-8 साल का अनुभव जरूरी, जानिए क्या योग्यताएं रखी गईं

भारत में क्या कहते हैं आंकड़ें?

भारत के कई राज्यों से लव जिहाद के मामले सामने आ चुके हैं. इनमें केरल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, असम सहित अन्य राज्य मुख्य रूप से शामिल हैं. एक वेबसाइट के मुताबिक भारत में साल 2009 से अब तक कुल 56 हजार महिलाएं इसका शिकार हुईं. सबसे ज्यादा मामले केरल, पश्चिम बंगाल और असम से सामने आए. लेकिन क्योंकि भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है इसलिए धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 के तहत ये मामले दर्ज नहीं किए गए. वहीं, कर्नाटक और केरल में लव जिहाद को लेकर जांच कराई गई, लेकिन किसी भी जांच एजेंसी ने मामले में सबूत पेश करने से इनकार कर दिया.

क्या दूसरे धर्म में हुई कोई भी शादी लव जिहाद है?

मुस्लिम पुरुष और हिंदू महिला के बीच हुई शादी हमेशा से सवालों के घेरे में रही है. कई शोधकर्ताओं ने इसपर शोध भी किया और पाया कि जब एक हिंदू पुरुष एक मुस्लिम महिला से शादी करता है, तो हिंदू समाज इसे प्यार और धर्मनिरपेक्षता के आइने से देखता है. वहीं जब कोई मुस्लिम पुरुष किसी हिंदू महिला से विवाह करता है तो इसे लव जिहाद नाम दिया जाता है, जबकि सभी शादी के बारे में हम ऐसा नहीं कह सकते क्योंकि भारत में किसी भी धर्म को मानने, उसका पालन करने और उसका प्रचार-प्रसार करने की आजादी है.

ये भी पढ़ें- अब एक ही शिफ्ट में होगी NEET PG की परीक्षा, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

लव जिहाद पर क्या कहता है भारतीय कानून?

भारतीय न्याय संहिता सेक्शन 69 के तहत धार्मिक पहचान छुपाकर शादी करने या फिर गुमराह करने के मामलों में 10 साल की सजा का प्रावधान है. भारतीय न्याय संहिता के अधिनियम 69 के तहत जो भी युवक महिला से धोखे से शादी करता है या शादी का वादा करके यौन संबंध बनाने के बाद शादी से मुकर जाता है तो ऐसे मामले अपराध की श्रेणी में आते हैं और आरोपी को 10 साल तक की सजा होती है. जबकि भारतीय संविधान में धर्मांतरण को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं है. वहीं कई राज्यों में जबरन या किसी चीज लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने वाले आरोपी को 3 से 10 साल तक की सजा होती है. जबकि कई राज्यों में 5 हजार से 10 हजार तक का जुर्माना भी लगाए जाने का प्रावधान है.

Exit mobile version