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JDU के इन ‘साइलेंट वोटरों’ पर कांग्रेस की नज़र, CM नीतीश की 20 साल पुरानी बादशाहत को लग सकता है बड़ा झटका!

Bihar Politics

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां अभी से तेज हैं. पिछले 20 साल से बिहार की ‘गद्दी’ पर काबिज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सबसे बड़ी ताकत हैं बिहार की महिलाएं. लेकिन अब कांग्रेस पार्टी ने नीतीश के इस ‘साइलेंट वोटर’ आधार को हिलाने की ठान ली है. आइए, कांग्रेस की क्या प्लानिंग है? सबकुछ आसान भाषा में विस्तार से समझते हैं.

नीतीश की ताकत

बिहार में करीब 48% आबादी महिलाओं की है, और इनमें से ज्यादातर नीतीश कुमार को वोट देती हैं. इन्हें ‘साइलेंट वोटर’ कहा जाता है क्योंकि ये बिना ज्यादा शोर-शराबे के नीतीश के पक्ष में वोट डालती हैं. खास तौर पर, बिहार की 2 करोड़ से ज्यादा ‘जीविका दीदी’ (स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं) नीतीश की सबसे बड़ी समर्थक मानी जाती हैं. यही वजह है कि नीतीश 2005 से लगातार मुख्यमंत्री बने हुए हैं.

कांग्रेस ने बनाया मास्टर प्लान

अब कांग्रेस ने इन महिलाओं को अपनी ओर खींचने के लिए कमर कस ली है. पार्टी की महिला विंग की अध्यक्ष अलका लाम्बा ने बिहार में एक बड़ा अभियान शुरू किया है, जिसका नाम है ‘महिला की बात, कांग्रेस के साथ’. इस अभियान का मकसद है महिलाओं के मुद्दों को उठाना और उन्हें ये भरोसा दिलाना कि कांग्रेस उनके लिए बेहतर काम कर सकती है.

क्या है इस अभियान में खास?

18 अप्रैल 2025 य़ानी आज से ही कांग्रेस ने शिविर शुरू किया है, जिसमें महिलाओं की समस्याओं पर चर्चा हो रही है. कांग्रेस का कहना है कि बिहार सरकार की योजनाएं भ्रष्टाचार और अपराध की भेंट चढ़ रही हैं, जिसका खामियाजा महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है. इतना ही नहीं, 20 अप्रैल से 31 मई तक कांग्रेस एक कैंपेन भी चलाने जा रही है. इस दौरान कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता बिहार के हर जिले, हर ब्लॉक और हर पंचायत में जाकर महिलाओं से मिलेंगी. जीविका दीदी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, रसोइया जैसी तमाम महिलाओं के साथ बैठकें होंगी.

कांग्रेस का कहना है कि वो महिलाओं को ठोस न्याय दिलाएगी. मिसाल के तौर पर, अलका लाम्बा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में सामूहिक बलात्कार की घटना की जांच तक नहीं हुई. कांग्रेस सत्ता में आई तो ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करेगी.

कांग्रेस ने बिहार के दो जिलों में सेनेटरी वेंडिंग मशीनें लगाई हैं, जिससे महिलाएं सेनेटरी पैड बना रही हैं और रोजगार भी कमा रही हैं. साथ ही, आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं जैसे महिला कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने का वादा भी किया है.

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क्यों है ये सियासी जंग दिलचस्प?

नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और बीजेपी की ‘डबल इंजन’ सरकार को कांग्रेस अब खुली चुनौती दे रही है. अलका लाम्बा ने कहा कि वो विधानसभा में सरकार के खिलाफ ‘चार्जशीट’ पेश करेंगी और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरेंगी. दूसरी ओर, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी महिलाओं को लुभाने के लिए ‘माई बहिन योजना’ लाए हैं. ऐसे में बिहार की सियासत में महिलाओं का वोट अब सबसे बड़ा दांव बन गया है.

अगर कांग्रेस अपने इस अभियान में कामयाब रही, तो नीतीश कुमार की 20 साल पुरानी बादशाहत को बड़ा झटका लग सकता है. बिहार की आधी आबादी यानी महिलाएं अगर कांग्रेस की ओर मुड़ीं, तो ये 2025 के विधानसभा चुनाव में गेम-चेंजर साबित हो सकता है. तो, क्या कांग्रेस का ये ‘महिला कार्ड’ चलेगा? बिहार की सियासत में ये सवाल हर किसी की जुबान पर है.

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