Supreme Court: पंजाब के एक ब्लैक कैट कमांडो, बलजिंदर सिंह, पर अपनी ही पत्नी की दहेज के लालच में हत्या का आरोप है. निचली अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी, जिसे हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा. सजा से बचने के लिए बलजिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में अपनी सेवा का हवाला देते हुए सरेंडर में छूट मांगी. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी और तुरंत सरेंडर करने का आदेश दिया.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने बलजिंदर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए सख्त टिप्पणी की. SC ने कहा- ‘ऑपरेशन सिंदूर में शामिल होना आपको घर में अत्याचार करने की छूट नहीं देता.’ SC ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए की गई सेवा किसी अपराध, विशेषकर दहेज हत्या जैसे गंभीर मामले में छूट का आधार नहीं बन सकती. इसके बाद SC ने बलजिंदर सिंह को जल्द से जल्द सरेंडर करने का निर्देश दिया गया.
दहेज हत्या का आरोप
बलजिंदर सिंह पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप 2018 में लगा था. अभियोजन पक्ष के मुताबिक, उन्होंने दहेज की मांग पूरी न होने पर अपनी पत्नी के साथ क्रूरता की और उसकी हत्या कर दी. निचली अदालत ने सबूतों के आधार पर उन्हें दोषी ठहराया और पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने भी इस फैसले को सही माना.
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में न केवल बलजिंदर की याचिका खारिज की, बल्कि दहेज हत्या जैसे अपराधों के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति को दोहराया. कोर्ट ने कहा कि कानून सभी के लिए समान है और कोई भी व्यक्ति अपनी सैन्य सेवा का दुरुपयोग अपराध से बचने के लिए नहीं कर सकता.
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अगला कदम
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, बलजिंदर सिंह को अब सरेंडर करना होगा और अपनी सजा काटनी होगी. उनके पास अब कोई कानूनी छूट का विकल्प नहीं बचा है, जब तक कि वे भविष्य में कोई नई याचिका दायर न करें, जिसके स्वीकार होने की संभावना कम है.
