Bihar Politics: बिहार की सियासत में इन दिनों गजब की गहमा-गहमी है. केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (LJP Ram Vilas) के मुखिया चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने रविवार को छपरा की पावन धरती से एक बड़ा ऐलान कर सबको चौंका दिया है. उन्होंने घोषणा की कि उनकी पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी.
जी हां, आपने सही पढ़ा. चिराग पासवान ने राजेंद्र स्टेडियम में आयोजित ‘नव संकल्प महासभा’ में हुंकार भरते हुए कहा, “जब यह लोग यह सवाल पूछते हैं कि क्या चिराग पासवान विधानसभा का चुनाव लड़ेगा? तो आज सारण की इस पावन धरती से ऐलान करता हूं कि मैं चुनाव लड़ूंगा… हर सीट पर चिराग पासवान बनकर चुनाव लडूंगा.”
चिराग के बयानों में रहा है उतार-चढ़ाव!
हालांकि, चिराग पासवान का यह ऐलान कई लोगों के लिए थोड़ा हैरान करने वाला है, खासकर उनके हालिया बयानों को देखते हुए. पिछले एक महीने में चिराग की पार्टी और उनकी ओर से बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने या न लड़ने को लेकर कई बार अलग-अलग बातें कही गई हैं. कभी अटकलें थीं कि वे सिर्फ लोकसभा चुनावों के बाद केंद्र की राजनीति पर ध्यान केंद्रित करेंगे, तो कभी चर्चा थी कि वे गठबंधन के भीतर ही कुछ सीटों पर समझौता कर सकते हैं. इस बदलते रुख ने राजनीतिक गलियारों में हमेशा एक सवाल खड़ा रखा है कि आखिर चिराग पासवान का असली इरादा क्या है?
इस उतार-चढ़ाव भरे माहौल में अब यह स्पष्ट घोषणा आई है कि वे सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. यह देखना दिलचस्प होगा कि NDA के भीतर इस बयान का क्या असर होता है. क्या चिराग का यह कदम गठबंधन में कोई नई खटास पैदा करेगा या फिर यह सिर्फ चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने का एक तरीका है, जिस पर आगे चलकर कोई नई रणनीति बन सकती है?
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पटना में बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर भी बोले चिराग
सिर्फ चुनाव लड़ने की बात ही नहीं, चिराग पासवान ने हाल ही में पटना में हुए एक व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या पर भी गहरी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि ऐसी घटनाएं उस सरकार के राज में हो रही हैं, जिसकी पहचान ‘सुशासन’ से है और जिसका वह खुद भी समर्थन करते हैं. उन्होंने सरकार और स्थानीय प्रशासन से जवाबदेही तय करने और पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की. चिराग ने साफ कहा कि सरकार कानून-व्यवस्था की जवाबदेही से भाग नहीं सकती.
डोमिसाइल नीति और आरक्षण पर भी रखी बात
चिराग पासवान यहीं नहीं रुके. उन्होंने बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करने का भी पुरजोर समर्थन किया. उन्होंने बिना नाम लिए तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि 2023 में जब महागठबंधन की सरकार थी, तब राजद के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने डोमिसाइल नीति को खत्म कर दिया था.
आरक्षण के मुद्दे पर चिराग ने विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान भी विपक्ष ने अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को आरक्षण के नाम पर गुमराह करने की कोशिश की थी, और विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही करेगा. लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक चिराग पासवान जिंदा हैं, तब तक ना तो आरक्षण को और ना ही संविधान को कोई खतरा है. वह वंचित वर्गों के लिए हमेशा एक “पहरेदार” बनकर खड़े रहेंगे. अब देखना यह होगा कि चिराग पासवान का यह ‘नव संकल्प’ आने वाले दिनों में कोई नई तस्वीर सामने आएगी या नहीं?
