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‘भारत के खिलाफ हमारी धरती का इस्तेमाल हुआ…’, पहली बार खालिस्तानियों को लेकर कनाडा की खुफिया एजेंसियों ने किया क़ुबूल

Khalistan

CSIS की खालिस्तान पर कबूलनामा

India-Canada: पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा में G-7 समिट अटेंड करने पहुंचे थे. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर बातें हुई. इसके बाद पीएम मोदी क्रोएशिया के दौरे के लिए निकल गए. पीएम मोदी के कनाडा से निकलने के एक दिन बाद ही वहां की खुफिया एजेंसी ने यह माना है कि खालिस्तानी उग्रवादियों ने उनकी धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया है.

कनाडा की एजेंसी कैनेडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस (CSIS) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में पहली बार स्वीकार किया है कि खालिस्तानी उग्रवादी कनाडा की धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ हिंसक गतिविधियों की साजिश रचने, फंडिंग जुटाने और प्रचार करने के लिए कर रहे हैं. यह खुलासा भारत के उन दावों की पुष्टि करता है, जो वह लंबे समय से कनाडा के सामने उठाता रहा है.

CSIS की रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु

खालिस्तानी गतिविधियां: CSIS ने अपनी रिपोर्ट में खालिस्तानी उग्रवादियों को “religiously motivated violent extremism” (धार्मिक रूप से प्रेरित हिंसक उग्रवाद) की श्रेणी में रखा है.

भारत के खिलाफ साजिश: खालिस्तानी समूह कनाडा से भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, हथियारों की तस्करी और आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में सक्रिय हैं.

कनाडा की स्वीकारोक्ति: यह पहली बार है जब कनाडा ने आधिकारिक तौर पर अपनी धरती के दुरुपयोग की बात मानी है, जो भारत के साथ उसके राजनयिक तनाव को और बढ़ा सकता है.

CSIS ने बुधवार, 18 जून को अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की. जिसमें कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कुछ प्रमुख चिंताओं और खतरों को रेखांकित किया है. CSIS की रिपोर्ट में कहा गया- ‘खालिस्तानी चरमपंथी मुख्य रूप से भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने या योजना बनाने के लिए कनाडा को आधार के रूप में इस्तेमाल करना जारी रखे हुए हैं.’रिपोर्ट में यह भी पुष्टि की गई कि कनाडा भारत विरोधी तत्वों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है. 1980 के दशक के मध्य से, कनाडा में PMVE का खतरा मुख्य रूप से CBKE के माध्यम से प्रकट हुआ है.

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भारत-कनाडा संबंधों पर प्रभाव

भारत ने कई मौकों पर कनाडा से खालिस्तानी समूहों पर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन कनाडा ने इसे ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ का मुद्दा बताकर टालने की कोशिश की. इस रिपोर्ट के बाद भारत ने कनाडा पर दबाव बढ़ा दिया है कि वह खालिस्तानी समूहों के खिलाफ ठोस कदम उठाए.

2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव चरम पर पहुंच गया. भारत ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों पर सवाल उठाए थे. CSIS की यह नई रिपोर्ट भारत के पक्ष को मजबूत करती है.

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