Bihar SIR: बिहार SIR(मतदाता सूची पुनरीक्षण) को लेकर दी गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं की तरफ से कपिल सिब्बल अदालत में पेश हुए. सिब्बल ने बिहार SIR की खामिया बताते हुए कहा कि एक निर्वाचन क्षेत्र में 12 जिंदा लोगों को मरा हुआ दिखाया. पूरी प्रक्रिया सवालों के घेरे में है.
जिसके बाद सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जिन लोगों को मृत दिखाया गया, वो लोग अदालत क्यों नहीं आए. जिस पर सिब्बल ने जवाब देते हुए कहा कि कुछ लोग अदालत में मौजूद हैं.
सिब्बल बोले-सूची दोबारा तैयार होनी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल ने कहा कि बिहार में SIR सही तरीके से नहीं हुआ है. मसौदा तैयार करने से पहले फॉर्म-4 को घर-घर भेजा जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. सर्वे किए बिना ही ड्राफ्ट सूची जारी कर दी गई. कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर किसी का नाम हटाया जा रहा है तो नाम हटाने के लिए सबूत देने की जिम्मेदारी उसी व्यक्ति की है, जिसने आपत्ति जताई है.
BLO पर लगाए गंभीर आरोप
कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि SIR के दौरान कई नियमों की अनदेखी की गई है. बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने पूरी तरीके से मनमानी की है. एक अन्य याचिकाकर्ता के वकील गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि 65 लाख लोगों के नाम हटाए गए हैं लेकिन इसको लेकर आयोग ने कोई सूचना नहीं दी.
वहीं सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि नियम 10 प्रारूप मतदाता सूची तैयार करने के लिए है. अगर किसी का नाम शामिल नहीं किया गया है तो वह फॉर्म 6 के तहत आवेदन कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- तथ्यों के साथ तैयार रहें
मामले पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने सुनवाई की. बेंच ने कहा कि तथ्य और आंकड़ों के साथ तैयार रहें. प्रक्रिया शुरू होने से पहले वोटर्स की संख्या, प्रोसेस से पहले और अब मृतकों वाली संख्या समेत कई सवाल उठेंगे.
इसके पहले मामले में 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. तब कोर्ट ने कहा था कि अगर ज्यादा संख्या में लोगों के नाम वोटर लिस्ट से कटे हैं तो फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
ये भी पढे़ं: कैशकांड मामले में जस्टिस वर्मा के खिलाफ लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव मंजूर, स्पीकर ने कहा- आरोप गंभीर हैं
