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राजनीति में कौन दोस्त, कौन दुश्मन… महाराष्ट्र निकाय चुनाव में उद्धव-शिंदे, अजित-शरद आए एक साथ

Uddhav Thackeray, Eknath Shinde, Ajit Pawar and Sharad Pawar unite ahead of Maharashtra civic polls

एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)

Maharashtra Nikay Chunav: चुनाव है साहब, यहां सब कुछ जायज है. सही पढ़ा, ऐसा ही वाकया महाराष्ट्र निकाय चुनाव में देखने को मिला है, जहां घोर विरोधी दल अब एक साथ आ गए हैं. कट्टर विरोधी उद्धव ठाकरे-शिंदे गुट के साथ और अजित पवार-शरद गुट के साथ नजर आए. अब इसके कई कयास निकाले जा रहे हैं. कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही है. बड़े राजनीतिक समीकरण से इसका कोई लेना-देना नहीं है. वहीं, कुछ लोग इस गठवंबधन को लेकर चर्चा कर रहे हैं कि भाजपा को रोकने के लिए एक-दूसरे से हाथ मिलाया गया है. परिणाम चाहे जो भी रहे, लेकिन इस चुनाव में एक-दूसरे के प्रत्याशियों को समर्थन ने महाराष्ट्र की राजनीतिक को नई हवा दे दी है.

दरअसल, 2 दिसंबर 2025 को महाराष्ट्र में निकाय चुनाव होना है. जिसको लेकर सभी पार्टियां जोर आजमाइश में लगी हैं. लेकिन इस दौरान कुछ ऐसा वाकया देखने को मिला, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया. क्योंकि जो एक-दूसरे को तोड़ने की बात कहते थे. वह भी अब साथ आ रहे हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो ये गठबंधन महाराष्ट्र निकाय चुनाव के परिणाम में भी असर डाल सकते हैं. जिसका प्रभाव आगे भी देखने को मिलने की संभावना है.

उद्धव-शिंदे एक साथ

पुणे जिले की चाकन नगर निकाय सीट पर शिंटे गुटे के प्रत्याशी सुरेश गोरे ने नामांकन किया है. इस दौरान उनके समर्थन में उद्धव गुट के विधायक बाबाजी काले भी उतर आए. हालांकि बाद में उन्होंने सफाई भी दी और कहा कि यह कोई औपचारिक गठबंधन नहीं है, यह सिर्फ पूर्व विधायक सुरेश गोरे के सम्मान में दिया गया है. इसके अलावा सिंधुदुर्ग जिले की कणकवली निकाय सीट में उद्धव और शिंदे गुट एक साथ आ गए हैं. यहां पर उद्धव गुट के नेता संदेश पवार, जो अध्यक्ष पद के भी दावेदार हैं, उनके चुनावी मैदान में शिंदे गुट पूरा समर्थन दे रहा है.

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कांग्रेस को मिला शिंदे गुट का साथ

इतना ही नहीं, शिंदे गुट कांग्रेस के साथ भी नजर आया. धराशिव जिले के उमरेगा में पूर्व विधायक रविंद्र गायकवाड़ ने शिंदे गुट के साथ हाथ मिलाकर भाजपा को चुनौती दे रहै हैं. तो वहीं, चोपड़ा में शिंदे गुट के विधायक चंद्रकांत सोनवाणे अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस का सहारा ले रहे हैं.

शरद गुट शिंदे के करीब

शरद पवार गुट (एनसीपी) और शिंदे ने भी हाथ मिला लिया है. नासिक जिले की यिओला परिषद् में शरद गुट ने शिंदे गुट को समर्थन दिया है. रायगढ़ जिले में भी कुछ सीटों पर ऐसा ही समीकरण देखने को मिला है. कोल्हापुर में भी कागल सीट पर एनसीपी के दोनों धड़ एक साथ आ गए हैं. इतना ही नहीं, इस चुनाव में कई सीटों पर भाजपा और उसके सहयोगी दल आमने-सामने आ गए हैं.

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