पश्चिम बंगाल में राम नवमी (Ram Navami) को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है. एक तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शांति की बात कर रही हैं, तो दूसरी तरफ विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राम मंदिर का ट्रंप कार्ड खेल दिया है. ममता ने कहा, “राम नवमी को शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाए. दंगे भड़काने की कोशिश करने वाले सावधान रहें. हम विवेकानंद और वेदों का रास्ता अपनाएंगे, जुमला पार्टी का नहीं.” लेकिन सुवेंदु अधिकारी ने इसे मौके की तरह लिया और ऐलान कर डाला, “इस राम नवमी पर नंदीग्राम में भव्य राम मंदिर की नींव रखी जाएगी. अयोध्या की तर्ज पर बनेगा ये मंदिर, वो भी 1.5 एकड़ जमीन पर!”
‘शांति के लड़ाकों’ ने राम नवमी के जुलूसों पर हमले किए- सुवेंदु
सुवेंदु ने ममता पर तंज कसते हुए कहा, “पिछले साल 2023 में आपके ‘शांति के लड़ाकों’ ने राम नवमी के जुलूसों पर हमले किए थे. अब हिंदू समाज ने ठान लिया है कि इस बार सड़कों पर उतरकर जय श्री राम के नारे लगाएंगे. हर गाड़ी पर भगवा झंडा लहराएगा.” उन्होंने कहा कि 6 अप्रैल को राम नवमी के दिन बंगाल में 20,000 से ज्यादा जुलूस निकलेंगे, जिसमें करीब 1 करोड़ लोग शामिल होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि नंदीग्राम का राम मंदिर बंगाल का सबसे बड़ा राम मंदिर होगा, जो हिंदुओं की आस्था का प्रतीक बनेगा.
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हिंदू दंगे नहीं करते: सुवेंदु अधिकारी
ममता ने सभी धर्मों से शांति बनाए रखने की अपील की और बीजेपी पर दंगे भड़काने का आरोप लगाया. जवाब में सुवेंदु ने कहा, “हिंदू दंगे नहीं करते, अपनी आस्था जरूर दिखाते हैं. ममता अपने गुंडों को संभालें.” उन्होंने पुलिस को भी चेतावनी दी कि ममता के जाल में न फंसें, वरना जवाब देना पड़ेगा. उन्होंने आगे कहा, “बंगाल में हिंदुओं का सम्मान करने वाला ही राज करेगा. ममता के राज में हालात बांग्लादेश जैसे हो जाएंगे.”
राम नवमी को लेकर सुवेंदु का प्लान बड़ा है. उनका कहना है कि इस बार ये त्योहार महाकुंभ साल के साथ मेल खा रहा है, तो जश्न भी दोगुना होगा. दूसरी ओर, ममता इसे सियासी चाल बता रही हैं. अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और टीएमसी के बीच ये जंग और तेज हो गई है. अब सवाल ये है कि क्या राम नवमी शांति से बीतेगी या सियासी शोर में बदल जाएगी?
