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मुंबई टू दिल्ली…सैफ अली खान पर हमले के बाद राजधानी में सियासी बवाल, बांग्लादेशी घुसपैठियों पर एक्शन का आदेश

Saif Ali Khan Attack Case

सैफ अली खान

Saif Ali Khan Attack Case: क्या आप जानते हैं कि बॉलीवुड के बादशाह सैफ अली खान पर हमले ने सिर्फ मुंबई ही नहीं, बल्कि दिल्ली तक सियासी हलचल मचा दी है? जी हां, 16 जनवरी को मुंबई में सैफ पर हुआ हमला, अब दिल्ली के ‘हॉल्स ऑफ पावर’ में चर्चा का विषय बन चुका है. इस हमले के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक बड़ा कदम उठाते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ एक विशेष अभियान शुरू करें.

दरअसल, सैफ पर हमले के आरोप में एक बांग्लादेशी नागरिक शरीफुल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया है, जो फर्जी पहचान से भारत में रह रहा था. वह एक हाउसकीपिंग फर्म में काम करता था. अब इस घटना के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान करें, क्योंकि इस प्रकार की अवैध गतिविधियों में इनका हाथ हो सकता है. दिल्ली में रहने वाले इन घुसपैठियों को अक्सर कम वेतन पर काम करने वाले घरेलू सहायक या मजदूर के रूप में काम में लिया जाता है.

कैसे हुआ हमला?

16 जनवरी की रात सैफ अली खान के मुंबई स्थित घर में एक व्यक्ति घुस आया और चोरी करने की कोशिश करते हुए सैफ पर चाकू से हमला कर दिया. हमलावर ने सैफ को कई बार चाकू मारा, जिससे एक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए. इस हमले के बाद पुलिस जांच में यह सामने आया कि हमलावर एक बांग्लादेशी नागरिक है, जो भारत में अवैध रूप से रह रहा था और उसने अपना नाम बदलकर विजय दास रख लिया था.

रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

इस हमले ने दिल्ली में एक नई बहस को जन्म दिया है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि वे राष्ट्रीय राजधानी में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करें. सक्सेना का कहना है कि दिल्ली में कई अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिक रह रहे हैं, जो न केवल अवैध गतिविधियों में शामिल हैं, बल्कि अपराधों को भी बढ़ावा दे रहे हैं. इस आदेश के तहत दिल्ली पुलिस को इन घुसपैठियों के सत्यापन के लिए व्यापक जांच अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं.

राज निवास से भेजे गए पत्र में यह भी कहा गया कि इन घुसपैठियों को अक्सर कम वेतन पर काम करने वाले श्रमिकों या घरेलू सहायकों के रूप में नियुक्त किया जाता है, जिससे इनकी पहचान और अस्तित्व को चुनौती मिलती है. अब दिल्ली पुलिस को इस मुद्दे पर एक जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है ताकि नागरिकों को यह बताया जा सके कि वे इन अवैध प्रवासियों की पहचान करें और उनके बारे में सूचना दें.

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सियासी पारा चढ़ा

सैफ अली खान पर हमले के बाद, जैसे-जैसे यह मामला तूल पकड़ता गया, सियासी रंग भी बदलने लगे. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस हमले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा. ठाकुर ने कहा, “जब एक मुस्लिम अभिनेता सैफ अली खान पर हमला हुआ, तो केजरीवाल ने तुरंत इस पर प्रतिक्रिया दी. लेकिन जब हमलावर एक बांग्लादेशी नागरिक निकला, तो उन्होंने चुप्पी साध ली. क्या यह बांग्लादेशी उनका रिश्तेदार है? ठाकुर ने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के प्रति उदार रवैया अपनाते हैं, जबकि बीजेपी का यह स्पष्ट मानना है कि इन घुसपैठियों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा माना जाना चाहिए.

बीजेपी के दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी इस मुद्दे पर हमला बोला. उन्होंने कहा, “केजरीवाल को सैफ अली खान पर हमले के बाद प्रतिक्रिया देने की इतनी जल्दी थी, लेकिन जब पता चला कि हमलावर बांग्लादेशी था, तो वे चुप हो गए. क्या वे इस घुसपैठी को शरण देने के पक्षधर हैं?” सचदेवा ने यह भी कहा कि दिल्ली में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों का बढ़ता हुआ संख्या पूरे देश के लिए खतरे की घंटी है और केजरीवाल को इस पर खुलकर अपनी राय रखनी चाहिए.

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