SC on Stray Animals on Roads: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और नगर निकायों को राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा कि वे राजमार्ग गश्ती दल गठन करें जो सड़कों से आवारा पशुओं को पकड़कर उन्हें आश्रय गृहों में रखें, जहां उनकी देखभाल की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कुत्तों के काटने की घटनाओं में खतरनाक वृद्धि को देखते हुए यह फैसला लिया है. कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, सार्वजनिक खेल परिसर, बस स्टैंड और डिपो, रेलवे स्टेशन आदि में आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए उचित बाड़ लगाई जानी चाहिए.
Supreme Court directs all States and Union Territories, National Highway Authority, and civic bodies to remove stray cattle from National Highways, state highways and roads.
— ANI (@ANI) November 7, 2025
Supreme Court directs States and Union Territories to form highway patrol team to catch stray cattle from… pic.twitter.com/BCnyifqxZy
13 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
बता दें, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने यह आदेश दिया है. जिसमें कहा कि आवारा कुत्तों को उसी जगह वापस नहीं छोड़ा जाना चाहिए, जहां से उन्हें उठाया गया था. आवारा पशुओं से जुड़े मामलों की सुनवाई अब 13 जनवरी को की जाएगी.
सभी राज्यों को 8 हफ्ते का मिला समय
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान उच्च न्यायालय के मामले की सुनवाई के दौरान उन निर्देशों की भी पुष्टि की है, जिनमें राज्य सरकार के अधिकारियों, नगरपालिका अधिकारियों और सड़क एवं परिवहन अधिकारियों को राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से मवेशियों को हटाकर उन्हें आश्रय स्थलों तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया था. कोर्ट ने सभी राज्यों को इसके लिए 8 हफ्ते का समय दिया है.
