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Kanwar Yatra 2025: यूपी में कांवड़ यात्रा रूट के होटलों-ढाबों पर लगाना होगा QR कोड, योगी सरकार के आदेश पर रोक से SC का इनकार

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट

Kanwar Yatra 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा 2025 के दौरान यात्रा मार्ग पर स्थित होटलों, ढाबों और भोजनालयों पर QR कोड लगाने का आदेश जारी किया. इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन कोर्ट ने आज इस मामले पर सुनवाई करते हुए इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. QR कोड के जरिए दुकान मालिकों की जानकारी, जैसे नाम, पता और लाइसेंस नंबर, प्रदर्शित होगी.

आदेश का उद्देश्य

योगी सरकार का कहना है कि यह कदम कांवड़ यात्रा के दौरान खाद्य सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. कांवड़ यात्रा में लाखों शिवभक्त भाग लेते हैं, जो शाकाहारी भोजन पसंद करते हैं. QR कोड से श्रद्धालु दुकान की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और मिलावट या भ्रामक प्रथाओं से बच सकते हैं. खाद्य सुरक्षा विभाग ने इसे फूड सेफ्टी कनेक्ट ऐप से जोड़ा है, जहां ग्राहक फीडबैक दे सकते हैं.

विवाद और याचिका

शिक्षाविद अपूर्वानंद झा और एक्टिविस्ट आकार पटेल ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि QR कोड से दुकान मालिकों की धार्मिक और जातिगत पहचान उजागर होती है, जो निजता के अधिकार का उल्लंघन है. उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट के 2024 के आदेश, जिसमें नेम प्लेट लगाने पर रोक लगाई गई थी, उसकी अवज्ञा बताया. याचिका में भेदभाव और भीड़ हिंसा की आशंका भी जताई गई.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की और उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा. हालांकि, कोर्ट ने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि दुकानदारों को लाइसेंस और पंजीकरण प्रदर्शित करना चाहिए. कोर्ट ने इसे खाद्य सुरक्षा के लिए जरूरी माना.

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आदेश का प्रभाव

योगी सरकार के इस आदेश ने सामाजिक और सियासी तनाव बढ़ा दिया है. कुछ हिंदू संगठनों ने इसका समर्थन किया, जबकि विपक्ष और याचिकाकर्ताओं ने इसे भेदभावपूर्ण बताया. कई दुकानदारों पर दबाव बढ़ा है और कुछ ने हिंदू नामों के साथ दुकानें चलाने की कोशिश की. यह विवाद कांवड़ यात्रा समाप्त होने तक चर्चा में रहने के असार हैं.

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