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“यदि स्कूल सुरक्षित नहीं, तो शिक्षा के अधिकार का क्या फायदा?”, बच्चियों के यौन शोषण पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार

Badlapur Sexual Abuse Case

Badlapur Sexual Abuse Case

Badlapur Sexual Abuse Case: ठाणे जिले के बदलापुर के एक स्कूल में दो बच्चियों के कथित यौन शोषण के मामले की सुनवाई कर रहे बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र पुलिस को फटकार लगाई. हाई कोर्ट ने कहा कि दूसरी पीड़िता का बयान क्यों दर्ज नहीं किया गया? जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज के चव्हाण की खंडपीठ ने पुलिस से दोनों लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी मांगी.

लड़कियों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता: हाई कोर्ट

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार न्यायाधीशों ने कहा, “हम इस तथ्य से स्तब्ध हैं कि बदलापुर पुलिस ने धारा 164 के तहत दूसरी पीड़ित लड़की का बयान दर्ज नहीं किया.” पीठ ने कहा, “यह बड़े मुद्दों पर एक जनहित याचिका है, इसलिए लड़कियों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता. जब तक जनता में कोई मजबूत आक्रोश नहीं होता, तब तक मशीनरी काम नहीं करती.”

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बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर स्कूल के अधिकारियों को यौन शोषण की जानकारी होने के बावजूद पुलिस को रिपोर्ट न करने के लिए भी फटकार लगाई. हाई कोर्ट ने यह भी उम्मीद जताई कि “कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.” न्याय सुनिश्चित करें”. समय पर घटना की सूचना नहीं देने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्कूल अधिकारियों से सवाल किया और पूछा, “यदि स्कूल सुरक्षित स्थान नहीं है, तो शिक्षा के अधिकार के बारे में बात करने का क्या फायदा है…?”

बदलापुर में क्या हुआ था? 

गौरतलब है कि बदलापुर के एक नामी स्कूल में चार साल की दो बच्चियों का स्कूल परिसर में यौन शोषण हुआ. आरोपी का नाम अक्षय शिंदे है और वह स्कूल में सफाई कर्मचारी था. उसने 14 अगस्त को दो बच्चियों से घिनौनी हरकत की और किसी से नहीं बताने की धमकी दी. फिलहाल, आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है. हालांकि, परिवार का आरोप है कि 16 अगस्त को एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने में उन्हें काफी इंतजार करना पड़ा. साथ ही पुलिस और स्कूल प्रशासन ने एक्शन लेने में देरी की. इसके खिलाफ ही लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. यही वजह है कि 20 अगस्त को बदलापुर में जमकर बवाल हुआ. लोगों ने ट्रेनें रोक दीं. आगजनी भी की. हालात बेकाबू होने पर पुलिस ने कई जगहों पर लाठीचार्ज भी किया. हालांकि, घटना के तुरंत बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एसआईटी गठन का निर्देश दिया.

 

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