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Bahraich Violence: SC में बुलडोजर एक्शन के खिलाफ याचिका, कार्रवाई के डर से दुकानें खाली, खुद तोड़ रहे घर

Supreme Court

दिल्ली में बढ़े प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस से पटाखों पर प्रतिबंध पर 'तत्काल' प्रतिक्रिया मांगी है.

Bahraich Violence: विसर्जन जुलुस के दौरान बहराइच के महराजगंज हुए हिंसा के 7 दिन बाद एक याचिका सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. यह याचिका बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने एससी से हिंसा वाले क्षेत्र में बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है। यह याचिका बहराइच हिंसा से जुड़े 3 आरोपियों और रिश्तेदारों ने एससी में दाखिल की है। याचिकाकर्ताओं में हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद की बेटी का नाम भी शामिल है।

बुलडोजर एक्शन के डर से हिंसा वाले क्षेत्र महराजगंज में लोगों ने खुद अपने घरों को तोड़ना शुरू कर दिया। लोगों को डर है कि अगर बुलडोजर चला तो फिर मकान में लगा ईंट-सरिया भी मलबे में चला जाएगा। वहीं, कई लोगों ने अपनी दुकानों और घरों को खाली कर दिया है।

PWD ने नोटिस चस्पा किया

बता दें कि, PWD ने शुक्रवार की रात महराजगंज के 23 घरों पर अतिक्रमण का नोटिस चस्पा किया था। इस नोटिस के मुताबिक लोगों को अतिक्रमण को हटाने की बात कही गई है, नहीं तो इसे तोड़ दिया जाएगा। नोटिस में लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए 3 दिन का समय दिया गया है।

जिन घरों पर PWD ने नोटिस चस्पा किया है, उसमें 20 मुस्लिम और 3 हिंदुओं के घर हैं। एक घर अब्दुल हमीद का है, जो राम गोपाल मिश्रा की हत्या में आरोपी है।

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सपा ने सीएम योगी को घेरा

इधर, बुलडोजर एक्शन को लेकर अयोध्या के सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने योगी सरकार को घेरते हुए कहा- कानून में मौत की सजा है, लेकिन बुलडोजर की नहीं। योगी बाबा प्रदेश में अलग कानून चलाना चाहते हैं। वहीं, हिंसा में मारे गए राम गोपाल के घर के बाहर पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। पिता कैलाश ने गुरुवार को न्याय न मिलने पर आत्मदाह की भी चेतावनी दी थी।

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