मोदी 3.0 के आगाज से पहले अशोक गहलोत की मांग, बोले- विशेष राज्य के दर्जे पर पहला हक राजस्थान का…

अशोक गहलोत ने कहा, 'हमारे यहां गांवों के बीच दूरी इतनी ज्यादा हैं कि बिजली, पानी, सड़क समेत हर सर्विस की डिलीवरी की कॉस्ट बहुत अधिक आती है. उदाहरण के तौर पर यहां जल जीवन मिशन में पानी का एक कनेक्शन लगाने का खर्च कहीं-कहीं 20,000 रुपये से भी ज्यादा है. ऐसे में विशेष राज्य के दर्जे की हमारी पुरानी मांग कायम है.'
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अशोक गहलोत (फोटो- सोशल मीडिया)

Modi 3.0: नरेंद्र मोदी रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं. इससे पहले विपक्षी इंडिया ब्लॉक एनडीए को घेर रहा है. इसी क्रम में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘मीडिया की खबरों से लगता है कि इस सरकार की स्थिति कमजोर होने के कारण बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा मिलने वाला है.’

अशोक गहलोत ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. मीडिया की खबरों से लगता है कि इस सरकार की स्थिति कमजोर होने के कारण बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा मिलने वाला है.’ पूर्व सीएम ने आगे लिखा, ‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि विशेष राज्य के दर्जे या केन्द्र सरकार के विशेष ध्यान की सबसे पहली आवश्यकता राजस्थान को है क्योंकि हमारा राज्य सबसे बड़ा रेगिस्तानी राज्य है. पूरे राज्य में केवल एक छोटे से हिस्से में सालभर बहने वाली नदी है और भौगोलिक स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं. राजस्थान का क्षेत्रफल देश का 10% है परन्तु पानी केवल 1% ही है.’

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गहलोत ने कहा, ‘हमारे यहां गांवों के बीच दूरी इतनी ज्यादा हैं कि बिजली, पानी, सड़क समेत हर सर्विस की डिलीवरी की कॉस्ट बहुत अधिक आती है. उदाहरण के तौर पर यहां जल जीवन मिशन में पानी का एक कनेक्शन लगाने का खर्च कहीं-कहीं 20,000 रुपये से भी ज्यादा है. हमारे यहां के कुछ जिलों का क्षेत्रफल तो देश के राज्यों से भी ज्यादा है. ऐसे में विशेष राज्य के दर्जे की हमारी पुरानी मांग कायम है. मैं मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करना चाहता हूं कि विशेष राज्य के दर्जे पर पहला हक राजस्थान का है. इसको पूरा किया जाना चाहिए.’

केंद्र में बिहार-आंध्र का दिखेगा प्रभाव

मोदी 3.0 सरकार में बिहार और आंध्र प्रदेश का ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा. बता दें कि भाजपा अपने दम पर बहुमत के जादुई आंकड़े 272 को नहीं छू सकी. हालांकि एनडीए के घटक दल जनता दल यूनाइटेड और तेलुगु देशम पार्टी ने बहुमत के आंकड़े को पार करवा दिया है. बताया जा रहा है कि दोनों पार्टियों के दो-दो सांसदों को मंत्री बनाया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, जनता दल यूनाइटेड की ओर से ललन सिंह और राम नाथ ठाकुर को केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी मिल सकती है. वहीं, तेलुगु देशम पार्टी की तरफ से जीएम हरीश और राम मोहन नायडू मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.

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