Haryana Assembly Election Result: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद इंडिया ब्लॉक के सहयोगी अब खुलकर कांग्रेस के विरोध में आ गए हैं. हरियाणा में मंगलवार को चुनाव में मिली हार के बाद जहां कई सहयोगी दलों ने कांग्रेस पर निशाना साधा तो वहीं कांग्रेस को अगले ही दिन दो बड़े झटके भी लगे. पहले तो आम आदमी पार्टी ने साफ कर दिया कि वो दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव में अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे और किसी से गठबंधन नहीं करेंगे. वहीं, सपा ने भी यूपी उपचुनाव को लेकर उन सीटों पर भी अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया जिसपर कांग्रेस दावा कर रही थी.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद AAP आदमी पार्टी ने दिल्ली चुनाव के लिए बड़ा ऐलान किया है. AAP की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा,’हम दिल्ली (विधानसभा) चुनाव अकेले लड़ेंगे. एक तरफ ओवर कॉन्फिडेंट कांग्रेस है तो दूसरी तरफ अहंकारी भाजपा है. हमने पिछले 10 सालों में दिल्ली में जो किया है, उसके आधार पर हम चुनाव लड़ेंगे.’
ये भी पढ़ें- ‘हिंदुओं की एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाना कांग्रेस की नीति’, पीएम मोदी बोले- हरियाणा ने बता दिया देश का मिजाज
सपा से गठबंधन की खबरों के बीच कांग्रेस झटका
बता दें कि हरियाणा चुनाव से पहले भी यह कयास लगाए जाते रहे कि राज्य में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन अंत में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा. उधर, हरियाणा के नतीजे आने के अगले ही दिन समाजवादी पार्टी ने भी उपचुनाव को लेकर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में 6 उम्मीदवारों के नाम हैं.
समाजवादी पार्टी ने छह में से चार सीटों पर पिछड़े और दलित उम्मीदवार उतारे हैं जबकि दो सीट पर मुस्लिम चेहरे को जगह दी है. सपा की ये घोषणा इसलिए कांग्रेस के लिए झटका है क्योंकि कांग्रेस और सपा में सीट समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी.
शिवसेना ने कांग्रेस को अहंकारी बताया
उधर, शिवसेना ने सामना में लिखा कि हरियाणा की हार से महाराष्ट्र कांग्रेस को भी सीख लेने की जरूरत है. शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस ने हरियाणा में आप या अन्य दलों से गठबंधन नहीं किया, जिसके चलते उसे हार का सामना करना पड़ा. जबकि जम्मू-कश्मीर में गठबंधन का फायदा दिखा. शिवसेना ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस को पता है कि जीत को हार में कैसे बदलना है. शिवसेना ने कहा कि हरियाणा की हार कांग्रेस के ओवर कॉन्फिडेंस और राज्य नेतृत्व के अहंकार का नतीजा है. हुड्डा ने नॉन जाट वोटर्स को साथ नहीं लिया, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा.
सीपीआई ने भी दे डाली नसीहत
सीपीआई नेता डी राजा ने कहा, ‘इंडिया गठबंधन ने एकसाथ चुनाव नहीं लड़ा, जिसका बीजेपी को फायदा हुआ. इंडिया गठबंधन दलों को सोचने की जरूरत है कि ऐसा क्यों हुआ. अगर साथ रहते तो बीजेपी की सरकार नहीं बनती. कांग्रेस को गंभीरता से विचार की जरूरत है.’