Vistaar NEWS

Sharad Pawar गुट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, ‘NCP-शरद चंद्र पवार’ नाम इस्तेमाल करने की मिली मंजूरी

Sharad pawar

शरद पवार ( फाइल फोटो)

Sharad Pawar: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के संस्थापक शरद पवार और उनके गुट को 27 फरवरी को होने वाले राज्यसभा चुनावों में ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद चंद्र पवार’ के नाम से काम करने की अनुमति दे दी है. चुनाव आयोग ने 7 फरवरी को शरद पवार गुट को नया नाम आवंटित किया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को मतदाताओं की जीत करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव चिह्न आवंटित करने के लिए शरद पवार को निर्वाचन आयोग का रुख करने की अनुमति दी है.

अजीत पवार को SC ने जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अजित पवार के गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली शरद पवार की याचिका पर नोटिस जारी किया. अदालत ने कहा कि ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद चंद्र पवार’ का नाम देने का चुनाव आयोग का 7 फरवरी का आदेश अगले आदेश तक जारी रहेगा. इसके अतिरिक्त इसने उन्हें पार्टी चिह्न के आवंटन के लिए चुनाव आयोग से संपर्क करने को कहा है.

शरद पवार ने कहा, “यह मतदाताओं की जीत है क्योंकि अदालत ने कहा कि देश के मतदाताओं को कमतर नहीं आंका जाना चाहिए और इस तथ्य पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए कि उम्मीदवारों ने मूल पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था.”

यह भी पढ़ें: MP News: बीजेपी में नहीं जा रहे कमलनाथ और नकुलनाथ, करीबी सज्जन सिंह वर्मा ने बताया क्या है प्लान

संविधान के लिए लड़ाई जारी रखेंगे सत्यमेव जयते: शरद पवार

शरद पवार ने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती के शुभ दिन पर उच्चतम न्यायालय ने हमें भारत के निर्वाचन आयोग के आदेश के खिलाफ अंतरिम राहत दी है. हम फौरी तौर पर हमें ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ के रूप में मान्यता देने और आयोग को सात दिन में हमारे चुनाव चिन्ह के आवेदन पर विचार करने का निर्देश देने के लिए उच्चतम न्यायालय के प्रति आभार व्यक्त करता हूं.” पवार ने आगे कहा, “यह व्यापक रूप से लोकतंत्र के लिए एक बड़ी जीत है, और हम डॉ. बी.आर. आंबेडकर के संविधान के लिए लड़ाई जारी रखेंगे सत्यमेव जयते!”

NCP (शरद पवार) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, “जिस तरह से संस्थापक सदस्य से पार्टी छीनी गई है, वो गलत है. हमें अपनी पार्टी वापस लेनी चाहिए और हस्ताक्षर करना चाहिए. देश में लोकतंत्र है. ये देश संविधान से चलता है किसी की मर्जी से नहीं चलता. मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले और आदेश के लिए आभारी हूं कि चुनाव चिन्ह और पार्टी 8 दिनों के भीतर वापस कर दी जानी चाहिए.”

 

Exit mobile version