Prashant Kishor: देश के जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति पर बड़ा बयान दिया है. मीडिया चैनल के एक कार्यक्रम के दौरान प्रशांत किशोर ने दावा किया कि देश के विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा सरकार को हराने के कई मौके गंवा दिए हैं. इस बात को उन्होंने बिहार के हालिया सियासी हलचल से जोड़कर बताया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने विपक्षी ‘INDIA’ गठबंधन को खत्म करने के लिए ही बिहार में नीतीश कुमार के साथ दोबारा हाथ मिला लिया है. बिहार में नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे आंकड़ों का खेल है. इस कदम से भाजपा को आने वाले लोकसभा चुनाव में फायदा होगा. इसके साथ ही बिहार के साथ-साथ देशभर में विपक्षी विचारधारा कमजोर होगी. उन्होंने बिहार को जंग का मैदान बताते हुए कहा कि नीतीश इसका बड़ा हिस्सा थे. उन्होंने बड़े युद्ध को जीतने के लिए एक छोटी सी जंग हारी है.
विपक्षी दलों का प्रदर्शन कमजोर
कार्यक्रम के दौरान प्रशांत किशोर विपक्षी दलों पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि चुनावों में विपक्षी दलों की ओर से कमजोर प्रदर्शन हो रहा है. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में कभी भी तानाशाही जगह नहीं ले सकती है. ताजा सियासी हालात पर खुलकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में कभी भी सत्ता का ऐसा केंद्रीकरण आज तक नहीं देखा है. ऐसे में एक पार्टी को बहुत ज्यादा वोट मिलते हैं, तो विपक्ष के लिए ऐसे हालात बेहद मुश्किल हो जाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय भी ऐसा हो चुका है. उस समय में कहा जाता था कि इंडिया इज इंदिरा इंदिरा इज इंडिया.
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विपक्ष दलों को नसीहत
उन्होंने विपक्ष को उदाहरण देते हुए नसीहत दी कि कोविड महामारी के दौरान केंद्र में भाजपा सरकार की रेटिंग सबसे कम थी. इसके बाद भी विपक्षी दलों के नेता इस मौके को अच्छे से भुना नहीं पाए. क्रिकेट खेल की तरह अगर अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीम कैच ड्रॉप करती है तो वह टीम जीता हुआ मैच गंवा देती है. साथ ही उन्होंने बड़ा दावा किया कि विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ को बहुत पहले ही साथ आ जाना चाहिए था और जनता के बीच जाकर ज्यादा से ज्यादा काम करना चाहिए था.