Border Dispute: पिछले कई महीनों से भारत और चीन के बीच चल रहा सीमा विवाद अब सुलझ गया है. ब्रिक्स समिट में दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद पर बात की गई थी. जिसके बाद से भारतीय सैनिकों ने डेमचोक इलाके में पहले की तरह गश्त फिर से शुरू कर दी है. इससे पहले पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर डेमचोक और देपसांग में टकराव वाले बिंदुओं पर सीमा विवाद सुलझा लिया गया था. भारतीय सेना के हवाले से कहा गया है कि शुक्रवार से डेमचोक इलाके में सेना की गश्त शुरू हो गई है. अब जल्द ही देपसांग के इलाकों में भी भारतीय सेना गश्त शुरू करेगी.
LAC पर डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी
बता दें, दिवाली के मौके पर पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, काराकोरम पास, दौलत बेग ओल्डी, कोंग्कला और चुशुल-मोल्डो से लगे लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पर दोनों देशों के बीच डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अफसरों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और दीपावली की बधाई दी थी. इसके बाद से पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन बॉर्डर पर भारतीय सेना ने 1 नवबंर से पेट्रोलिंग शुरू कर दी. फ़िलहाल सेना की पेट्रोलिंग डेमचोक पर शुरू हुई है. देपसांग पर जल्द पेट्रोलिंग शुरू हो जाएगी। चीनी सैनिकों के की ओर से पेट्रोलिंग की बात अभी सामने नहीं आई. दोनों देशों की सेनाओं के बीच इन दोनों इलाकों से पीछे हटने पर सहमति बनी थी.
एक राष्ट्र उतना ही सुरक्षित होता है जितनी सीमा सुरक्षित होती है।
Diwali celebration with brave jawans at the tough border areas give special feelings. A nation is as safe as the border is secured. https://t.co/cvyjuNuQvE pic.twitter.com/borS2fBXzc
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) November 1, 2024
टकराव बिंदुओं पर डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया के दौरान दोनों ही देशों ने सेना की ओर से बनाए गए अस्थायी निर्माणों को हटा दिया था. दोनों देशों के बीच डिसइंगेजमेंट को लेकर यह समझौता इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन डेपसांग के इलाके से हटने के लिए तैयार नहीं था. हालांकि टकराव वाले अन्य बिंदुओं पीपी 14 (गलवान घाटी), पीपी 15 (हॉट स्प्रिंग्स), पीपी 17 ए (गोगरा), पैंगोंग त्सो के उत्तर और दक्षिण इलाके से हटने के लिए वह तैयार था.
बता दें, डिसइंगेजमेंट की ये पूरी प्रक्रिया तीन चरणों में चली थी. इसमें सीमा वाले इलाकों से दोनों देशों के जवानों की वापसी, दोनों ओर से तनाव कम करना और जवानों को वापस बुलाना शामिल था. चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग ने बीजिंग में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि चीन और भारत कूटनीतिक और सैन्य वार्ताओं के बाद सीमा के इलाकों से जुड़े मुद्दों के समाधान पर पहुंच गया है.
गलवान घाटी में हुई थी हिंसक झड़प
जून, 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. जबकि चीन के 3 दर्जन से अधिक जवान मारे गए थे. हालांकि चीन ने कभी भी इस बात को नहीं माना। गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के 40 जवानों की मौत हुई थी. उसने मरने वाले जवानों का सही आंकड़ा छिपाया था.
After talking to Chinese soldiers and seeing the infrastructures, everyone will feel proud of India’s border development now.
Celebrated Diwali at Bumla with our Army Jawans in Arunachal Pradesh. #HappyDeepavali2024 #Diwali pic.twitter.com/l17nwI4KYa— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) November 1, 2024
चीनी जवानों से मंत्री ने की बात
इधर, अरुणाचल प्रदेश के बुमला पास पर मंत्री किरेन रिजिजू ने चीनी सैनिकों से बात की. रिजिजू ने सोशल मीडिया एक्स पर इसका एक वीडियो भी शेयर किया है. रिजिजू ने LAC पर चीन के जवानों से मौसम और वहां के हालात के बारे में पूछा- क्या हाई एल्टीट्यूड में प्रॉब्लम नहीं होती है? इस पर चीनी जवानों ने बताया कि उन्हें प्रॉब्लम नहीं होती है. रिजिजू ने आगे सवाल करते हुए पूछा- अगर प्रॉब्लम हो तो ऑक्सीजन सिलेंडर तो होता होगा? चीनी जवानों ने इसका जवाब देते हुए कहा कि वो मौसम में ढल गए हैं.
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