Sandeshkhali Case: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि जो कुछ संदेशखाली में हुआ है बहुत शर्मनाक है. कोर्ट ने कहा-‘यह सरकार की ज़िम्मेदारी है, जिला प्रशासन की ज़िम्मेदारी है कि वहां की महिलाएं किस दुख से गुजर रही हैं. इसके लिए पूरी तरह से जवाबदेह सत्ताधारी पार्टी है. ’
संदेशखाली हिंसा से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदाल ने गुरुवार को बंगाल सरकार को फटकार लगाई. मामले को “बेहद शर्मनाक” बताते हुए अदालत ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की खिंचाई की. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर किसी नागरिक की सुरक्षा खतरे में है तो यह सरकार की सौ प्रतिशत सरकार की ज़िम्मेदारी है.
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सौ फीसदी सत्तारुढ़ दल की जिम्मेदारी
मामले पर सुनावई करते हुए कलकत्ता कोर्ट ने कहा, ‘संदेशखाली में महिलाओं के साथ जो कुछ भी हुआ वह बेहद ही शर्मनाक और संवेदनशील है… संदेशखाली में जो भी हुआ उस घटना की पूरी जिम्मेदार जिला प्रशासन और सत्तारूढ़ दल की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए. यदि राज्य के किसी भी नागरिक की सुरक्षा खतरे में है तो सौ फीसदी जिम्मेदारी सत्तारूढ़ दल की है, इसके लिए सरकार जिम्मेदार है.’
संदेशखाली में क्या हुआ था
बता दें कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं ने आरोप लगाया था कि वहां की स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों ने उनका यौन उत्पीड़न किया था. जिसके बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और बीजेपी ने टीएमसी सरकार को इस मामले के लिए घेरा. टीएमसी नेता शाहजहां शेख गिरफ्तार है और यह मामला कोर्ट में है.
गौरतलब है कि 5 जनवरी को ED की छापेमारी के दौरान उनकी टीम पर हुए हमले के बाद से संदेशखाली गांव चर्चा में है. इस घटना के बाद तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शेख शाहजहां पर गांव की महिलाओं ने यौन शोषण और जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया. इसके बाद गांव में महिलाओं ने उग्र प्रदर्शन किया.