Caste Census: जातीय जनगणना का मुद्दा बीते कुछ महीनों के दौरान पूरे देश में उठा है. खास तौर पर बिहार में जातीय जनगणना होने के बाद कांग्रेस और राहुल गांधी ने इस मुद्दे को पूरे देश में उठाया था. विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के लिए यह मुद्दा कोई कारगर साबित नहीं हुआ था. लेकिन अब कांग्रेस के नेता भी इस मुद्दे को नहीं उठाने की मांग करने लगे हैं. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इस मुद्दे को लेकर हाई कमान को चिट्ठी लिखी है.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मेरे विचार से जाति जनगणना न तो रामबाण हो सकती है, न ही बेरोजगारी और प्रचलित असमानताओं का समाधान हो सकती है.मेरी विनम्र राय में इसे इंदिरा जी और राजीव जी की विरासत का अपमान माना जाएगा. कांग्रेस हमेशा से विभाजनकारी नीतियों, लैंगिक अंतर, बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई और असमान्ता का मुद्दा उठाती रही है. लेकिन इस बार के चुनाव में राष्ट्रीय जातीय जनगणना एक मुद्दा बन गया है. यह कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन द्वारा उठाया जा रहा है.’
इंदिरा गांधी के नारे का किया जिक्र
आनंद शर्मा ने आगे कहा, ‘गठबंधन में ऐसी भी पार्टियां हैं जो क्षेत्रिय दल होने की वजह से यह मुद्दा उठा रही हैं. लेकिन कांग्रेस हमेशा से समाजिक न्याय की मांग पर लोगों के बीच जाती रही है. जाति भारतीय समाज की सच्चाई है.’ उन्होंने इंदिरा गांधी के 1980 के बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘ना जाति पर ना पात पर, मोहर लगेगी हाथ पर.’
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इसके अलावा उन्हें पूर्व पीएम राजीवा गांधी के नारे का भी जिक्र किया है, यह बयान उन्होंने छह सितंबर 1980 को दिया था. उन्होंने यह चिट्ठी पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखी है. जिसमें उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कास्ट सेंशस के बहाने कांग्रेस के इतिहास को जाति की राजनीति के खिलाफ बताया है. इसके लोकतंत्र के लिए नुकसानदायक भी बताया गया है.