Vistaar NEWS

पूजा खेडकर के खिलाफ क्रेंद सरकार का बड़ा एक्शन, IAS के पद से किया बर्खास्त

Pooja Khedkar

पूजा खेडकर

Pooja Khedkar Case: केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर (Pooja Khedkar) को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से बर्खास्त कर दिया है. खेड़कर को आईएएस (प्रोबेशन) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया गया है. नियमों के अनुसार, केंद्र सरकार के पास प्रोबेशनर्स को सेवा से बर्खास्त करने का अधिकार है, अगर वे पुनः परीक्षा पास करने में विफल रहते हैं… या अगर केंद्र सरकार को लगता है कि प्रोबेशनर सेवा में भर्ती के लिए अयोग्य था या सेवा का सदस्य होने के लिए अनुपयुक्त है. ”

जुलाई में UPSC ने रद्द कर दी थी उम्मीदवारी

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया था. खेडकर ने कथित तौर पर आरक्षण लाभ पाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी दी थी. उन पर धोखाधड़ी करने और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और विकलांगता कोटा लाभों का गलत तरीके से लाभ उठाने का आरोप लगाया गया है.

5 सितंबर को खेडकर ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में अपनी चिकित्सा जांच करवाने के लिए तैयार हैं, क्योंकि शहर की पुलिस ने दावा किया है कि उनका एक विकलांगता प्रमाण पत्र “जाली” और “फर्जी” हो सकता है. खेडकर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा, “मैं अपनी चिकित्सा जांच करवाने के लिए तैयार हूं. पहले उन्होंने कहा कि मैंने अपना नाम बदल लिया है. अब वे कहते हैं कि विकलांगता संदिग्ध है. मैं एम्स जाने के लिए तैयार हूं.”

यह भी पढ़ें: “जाति पूछकर चलाई गोली”, मंगेश यादव एनकाउंटर पर भड़का विपक्ष, एक तीर से कई शिकार करने की कोशिश में अखिलेश?

पूजा पर लगे कई आरोप

पूजा खेडकर अपने कैडर राज्य महाराष्ट्र में एक परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी के रूप में कार्यरत थीं. उन्हें पहले कथित तौर पर सत्ता के दुरुपयोग के कारण पुणे से स्थानांतरित कर दिया गया था. यह आरोप लगाया गया था कि खेडकर अपनी निजी स्वामित्व वाली ऑडी सेडान पर लाल-नीली बत्ती, वीआईपी नंबर प्लेट और ‘महाराष्ट्र सरकार’ स्टिकर का उपयोग कर रही थीं. रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने ऐसी सुविधाओं की भी मांग की जो IAS में परिवीक्षाधीन अधिकारियों के लिए नहीं हैं. पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, खेड़कर ने 3 जून को प्रशिक्षु के रूप में ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले ही एक अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी की मांग की थी.

Exit mobile version