Delhi News: मनीष सिसोदिया ने जेल से लिखी चिट्ठी, सीएम अरविंद केजरीवाल की तारीफ में कहा- ‘दिल्ली में शिक्षा क्रांति आई’

Delhi News: सीएम अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद अब पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की पहली चिट्ठी सामने आई है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री की तारीफ की है.
Manish Sisodia Arvind Kejriwal

सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया

Delhi News: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की चिट्ठी शुक्रवार को सामने आई है. पूर्व डिप्टी सीएम द्वारा जेल से लिखी गई चिट्ठी में सीएम अरविंद केजरीवाल की तारीफ की गई है. मनीष सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, ‘मुझे खुशी है अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में शिक्षा क्रांति आई.’

मनीष सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा, ‘अंग्रेजों को भी बहुत घमंड था अपनी सत्ता की ताकत का. अपनी सत्ता के दम पर वे जिसे चाहते, तरह-तरह के झंडे आरोप लगाकर जेल में डाल देते थे. उन्हें भी लगता था कि जेल की दीवारें आजादी के लिए लड़ने वालों का मनोबल तोड़ देगी. सत्ता के नशे में चूर इन्हीं अंग्रेजों ने नेल्शन मंडेला को भी 30 सालों तक जेल में डालकर रखा.’

पूर्व डिप्टी सीएम ने लिखा, ‘पिछले एक साल में जेल में रहते हुए, मैंने राजनीति में आने के अपने कारण- आपके और अपने सपने पर बहुत बारीकी से चिन्तन-अध्ययन किया है. इससे मेरा संकल्प और अधिक मजबूत हुआ है. आज जब हम भारत को विकसित देश बनाने की बात कर रहे हैं तो यह बात एक राजनीतिक कार्यकर्ता होने के नाते आप सबके लिए समझना बहुत जरूरी है.’

आपके प्रति प्यार और विश्वास कई गुना बढ़ा- मनीष सिसोदिया

उन्होंने आगे कहा, ‘जेल में रहने के पिछले एक साल में मैंने महसूस किया है कि मेरे मन में आपके प्रति प्यार और विश्वास कई गुना बढ़ा है. इस बीच आप सबने जीतना ध्यान रखा है, उसकी बातें मुझे सीमा बताती है. आप सबकी बात बड़े गर्व से और भावुक होकर बताती हैं.’ गौरतलब है कि यह पत्र उन्होंने अपने पटपड़गंज विधानसभा की आम जनता के लिए लिखा है.

ये भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: पिछले आम चुनाव में 65 लाख वोटर्स ने किसी भी उम्मीदवार को नहीं दिया था वोट, NOTA दबाने में बिहार रहा नंबर वन

मनीष सिसोदिया ने अपने पत्र में लिखा, ‘जल्दी ही बाहर मिलेंगे. शिक्षा क्रांति जिंदाबाद, लव यू ऑल. पिछले एक साल में मुझे सबकी याद आई. सबने बहुत ईमानदारी से मिलकर काम किया. जैसे आजादी के समय सबने लड़ाई लड़ी, वैसे ही हम अच्छी शिक्षा और स्कूल के लिए लड़ रहे हैं. अंग्रेजों की तानाशाही के बाद भी आजादी का सपना सच हुआ. वैसे ही एक दिन हर बच्चे को सही और अच्छी शिक्षा मिलेगी.’

ज़रूर पढ़ें