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शिंदे से अलग है फडणवीस की कैबिनेट, जानें कैसे महायुति ने साधे सभी समीकरण

Fadnavis Cabinet

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Fadnavis Cabinet: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की महायुति सरकार का मंत्रिमंडल रविवार को विस्तारित हुआ. इस बार फडणवीस की कैबिनेट में 39 मंत्री शामिल हैं, जिसमें 33 कैबिनेट मंत्री और 6 राज्यमंत्री हैं. यह मंत्रिमंडल पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार से अलग नजर आता है, न केवल मंत्रियों की संख्या बल्कि उनके चयन में भी बदलाव देखने को मिला है.

फडणवीस ने इस बार अपने सहयोगी दलों के नेताओं को साधने की कोशिश की है और मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने का प्रयास किया है. मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम सहित कुल 42 मंत्री बने हैं, हालांकि एक पद अभी खाली रखा गया है. इस कैबिनेट में चार महिला मंत्रियों को स्थान दिया गया है, जिनमें तीन बीजेपी से और एक एनसीपी से हैं.

नहीं हुआ विभागों का बंटवारा

मंत्रियों के विभागों का बंटवारा फिलहाल नहीं हुआ है, लेकिन कैबिनेट के स्वरूप में स्पष्ट रूप से यह देखा जा सकता है कि महायुति ने गठबंधन धर्म निभाने के साथ-साथ अनुभवी और युवा नेताओं के बीच संतुलन स्थापित करने की कोशिश की है.

फडणवीस ने अपनी कैबिनेट में हर दल को उसकी ताकत के हिसाब से हिस्सेदारी दी है. बीजेपी को 19, शिंदे की शिवसेना को 11 और अजित पवार की एनसीपी को 9 मंत्री मिले हैं. इसके अलावा, राज्यमंत्री के रूप में बीजेपी के 3, शिवसेना के 2 और एनसीपी के 1 नेता शामिल हैं. विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 132 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि शिंदे की शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिली थीं. इस हिसाब से बीजेपी ने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए अन्य दलों को अधिक मंत्री पद दिए हैं.

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शिंदे के मुकाबले फडणवीस का मंत्रिमंडल बड़ा

शिंदे की सरकार के मुकाबले फडणवीस का मंत्रिमंडल बड़ा और अधिक संतुलित नजर आता है. शिंदे सरकार में 29 मंत्री थे, जबकि फडणवीस सरकार में 42 मंत्री शामिल हैं. शिंदे सरकार में 2 मुस्लिम मंत्री थे, जबकि फडणवीस सरकार में केवल एक मुस्लिम मंत्री को स्थान मिला है. शिंदे सरकार के कई दिग्गज नेताओं को इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली, जैसे छगन भुजबल, सुधीर मुनगंटीवार और अब्दुल सत्तार.

जातीय समीकरण के लिहाज से भी फडणवीस ने अपनी कैबिनेट में ओबीसी, मराठा, दलित, आदिवासी और ब्राह्मण समाज से प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया है. अजित पवार और शिंदे ने भी अपने-अपने कोटे से जातीय समीकरणों का ख्याल रखते हुए मंत्री बनाए हैं.

इसके अलावा, फडणवीस ने महाराष्ट्र के सभी छह क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हुए क्षेत्रीय संतुलन भी स्थापित किया है. बीजेपी ने विदर्भ और उत्तर महाराष्ट्र से अधिक मंत्री बनाए हैं, जबकि शिंदे ने मुंबई और कोंकण क्षेत्र से मंत्रियों को स्थान दिया है. कुल मिलाकर, फडणवीस की नई कैबिनेट महायुति की ताकत और संतुलन का प्रतीक बनकर उभरी है.

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