Tejas Mk-1A: फाइटर जेट तेजस एमके एवन की पहली उड़ान 28 मार्च 2024 को बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की फैसिलिटी में सफलतापूर्वक पूरी हुई. यह उड़ान करीब 18 मिनट की थी. कुछ समय पहले ही इस विमान में डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC) को लगाया गया था. DFCC का साधारण भाषा में मतलब होता है कि फाइटर जेट से मैन्यूअल फ्लाइट कंट्रोल्स हटाकर उसकी जगह इलेक्ट्रॉनिक इंटरफेस लगा देना. यानी बहुत सारी चीजें कंप्यूटर के हाथ में चली जाती है, वही विमान को पायलट के मुताबिक संतुलित और नियंत्रित रखता है.
इस सिस्टम की वजह से रडार, एलिवेटर, एलिरॉन, फ्लैप्स और इंजन का नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिकली होता है. फ्लाई बाय वायर कुल मिलाकर फाइटर जेट को एक आत्म संतुलन देता है. स्टेबलाइज करता है. यह विमान को ज्यादा सुरक्षित बनाता है.
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तेजस में कई आधुनिक सुविधाएं
बताते चलें कि लड़ाकू विमान के इस नए संस्करण, तेजस एमके-1ए में उन्नत मिशन कंप्यूटर, उच्च प्रदर्शन क्षमता वाला डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC Mk-1A), स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (SMFD), एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार, एडवांस्ड सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट आदि सुविधाएं हैं.मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लड़ाकू विमान को पाकिस्तान सीमा के पास राजस्थान के बीकानेर में नाल एयरबेस पर तैनात किए जाने की संभावना है. विमानों के पहले स्क्वाड्रन को नाल एयरबेस पर तैनात करने की योजना है, जहां से यह पश्चिमी हिस्से में दुश्मनों से निपट सके.
इस महीने की शुरुआत में न्यूज एजेंसी एएनआई ने रक्षा सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि राज्य के स्वामित्व वाली सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई भारतीय वायु सेना को जल्द से जल्द पहला ट्विन-सीटर ट्रेनर संस्करण विमान देने की दिशा में काम कर रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 मार्च के अंत तक डिलीवरी को पूरा करने की दिशा में काम चल रहा है.
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97 फाइटर जेट खरीदने की मंजरी
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारतीय वायु सेना ने पहले ही 83 LCA विमानों की आपूर्ति के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ ₹48 हजार करोड़ से अधिक के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. वायु सेना को ₹65 हजार करोड़ में 97 और LCA मार्क 1A फाइटर जेट खरीदने की मंजूरी मिल गई है.